नई दिल्ली: ज्योतिष में ग्रहों की दशा का खास महत्व है. ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि जीवन में होने वाली घटनाओं का संबंध कुंडली के ग्रहों से है. कुंडली के शुभ ग्रह जहां सुख, समृद्धि और तरक्की में सहायक होते हैं वहीं कुछ अशुभ ग्रह जीवन में कई समस्याएं पैदा करती हैं. इसके अलावा कुंडली में दशा का भी खास महत्व है. जानते हैं कि कुंडली में किन ग्रहों के योग से नौकरी और व्यापार में तरक्की होती है.
अमात्य कारक दशा
बिजनेस में सफलता के लिए कुंडली का अमात्य कारक दशा महत्व रखती है. इसमें दूसरे भाव को 5वें, 9वें और 10 वें भाव का कारका माना गया है. दूसरे भाव से सगे-संबंधी, पांचवें से धन, शिक्षा और 9वें से भाग्य का पता चलता है. इसके अलावा 10वें भाव से व्यापार का पता चलता है. यदि कुंडली में अमात्य कारक दशा अच्छी है तो व्यापार और नौकरी में तरक्की मिलती है.
सूर्य और चंद्रमा
अगर कुंडली का सूर्य और चंद्रमा दोनों मजबूत हैं तो ऐसे योग सरकारी नौकरी दिलाने में अहम भूमिका निभाते है. इसके अलावा शुक्र और गुरु ग्रह की भूमिका भी अहम मानी गई है.
मंगल और शुक्र
कुंडली में मंगल की अच्छी स्थिति भी सरकारी नौकरी का संकेत देता है. मंगल मजबूत होने से सेना या पुलिस विभाग में नौकरी मिलती है. वहीं जब मंगल के साथ शुक्र भी मजबूत स्थिति में है तो व्यक्ति सरकारी नौकरी में अधिकारी बनता है.
राजनीति में सफलता दिलाती है ये दशा
अगर कुंडली में राहु का संबंध छठे, सातवें, दसवें और ग्यारहवें भाव से है तो व्यक्ति सफल राजनेता बनता है. कुंडली का दसवां भाव से राजनीतिक जीवन के बारे में पता चलता है. राजनीति में सफलता के लिए दसवें भाव में उच्च ग्रह का होना जरूरी है.
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