- एक मामले में तो पुलिस ने परेशान होकर शिकायतकर्ता के मोबाइल में बैलेंस तक डलवाया
उज्जैन। इन दिनों हर विभाग में सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत के शीघ्र निराकरण और कार्रवाई को लेकर हर विभाग के अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देशित कर रहे हैं। कहा भी जा रहा है कि शीघ्र ही शिकायतों का निराकरण हो लेकिन सीएम हेल्पलाइन में हुई सबसे ज्यादा शिकायतों से परेशान हैं पुलिस विभाग। अधिकतर शिकायतें पुलिस के पास ही पहुंचती हैं। उज्जैन के थानों में सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों में कई शिकायतकर्ता तो ऐसे हैं जिन्होंने शिकायत तो कर दी लेकिन खुद सामने आकर ना ही पुलिस का सहयोग करते हैं और ना ही कोई मामले की जानकारी देते हैं। ऐसे में पुलिसकर्मी शिकायतकर्ता को मोबाइल लगाकर और घरों के चक्कर लगाते रहते हैं। शिकायतकर्ता अपनी शिकायत भी वापस नहीं लेते। उज्जैन में पुलिस अधिकारियों द्वारा हर दिन सुबह होने वाली रेडियो कान्फ्रेंसिंग में विशेष रुप से सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों के जल्द निराकरण और कार्यवाही के निर्देश दिए जाते हैं लेकिन थानों के पुलिसकर्मी बताते हैं कि सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
जमीन जायजाद से जुड़ी शिकायतों पर अधिकतर पारिवारिक लड़ाईयों में परिवार के लोग ही सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करते हैं और फिर सहयोग नहीं करते। ऐसा ही एक मामला उज्जैन के देवास गेट थाना अंतर्गत सुदामा नगर क्षेत्र का है जिसमें सुदामा नगर के चौबे परिवार का पिछले कई वर्षों से अपने परिवार से बँटवारे को लेकर विवाद चल रहा है। उनके पारिवारिक लोग मध्य प्रदेश के इटावा में रहते हैं। वहाँ से उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की तो वह देवास गेट थाने पहुँची। अब पुलिसकर्मी इटावा के शिकायतकर्ता जिमलाज चौबे से शिकायत के संबंध में लगातार फोन लगा रहे हैं। सुदामा नगर पहुँच कर भी चर्चा कर ली लेकिन शिकायतकर्ता सहयोग करने को तैयार नहीं। उनका कहना हमारे पास उज्जैन आने के किराए के पैसे नहीं है। आपसे बात करने के लिए मोबाइल में बैलेंस नहीं है। परेशान पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता के मोबाइल में बैलेंस भी डलवाया। उज्जैन आने के लिए किराए के रुपए देने के लिए भी कहा लेकिन शिकायत का निराकरण नहीं हो पाया। शिकायतकर्ता अपनी शिकायत भी वापस लेने को तैयार नहीं है। इस तरह की कई शिकायतें थानों पर हैं जिनमें शिकायतकर्ता पुलिस को सहयोग नहीं करते।