अब जमानत के लिए अर्जियां देने की तैयारी, हाईकोर्ट ने पुरानी रासुका को सही माना
इंदौर। दिवाली (Diwali) के वक्त भाजपा के पूर्व नगराध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा (Gopikrishna Nema) के घर हमला करने के मामले में पांच मुलजिमों पर लगी रासुका (Rasuka) को हाईकोर्ट (High Court) ने सही ठहराया किंतु उन पर पिछले माह बढ़ाई नई रासुका का आदेश रद्द कर दिया है। अब मुलजिम जेल से बाहर आने के लिए जमानत की अर्जियां देने की तैयारी कर रहे है।
सूत्रों के अनुसार 16 नवंबर 2020 को दिवाली के समय करणदीपसिंह राणा के साथ 20-25 लोगों का जत्था भाजपा नेता फय्याज एहमद के भाई अयाज गुड्डू को मारने जंगमपुरा स्थित नेमा के घर पर जा धमका था और जमकर हंगामा मचाया था। इस मामले में छत्रीपुरा पुलिस ने अनमोल संधु, अश्विन सिरोलिया, लक्की वर्मा, अरूण वर्मा व राणा के खिलाफ बलवे का केस दर्ज कर उनके खिलाफ तीन माह के लिए रासुका की कार्रवाई की थी। यह रासुका की अवधि गत 22 फरवरी को खत्म हो गई तो एसपी पश्चिम के प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने रासुका की अवधि फिर तीन माह आगे बढ़ाते हुए नया आदेश जारी किया था, जो अब 21 मई को खत्म होता। इस बीच पांचों मुलजिमों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रासुका की कार्रवाई को गलत ठहराया था और कहा था कि नए सिरे से आदेश जारी करते समय प्रशासन ने यह नहीं बताया कि उनके बाहर होने से किसी तरह लोकशांति को खतरा पैदा हो सकता है। वहीं सरकार ने अपनी कार्रवाई को जायज करार दिया था। जस्टिस रोहित आर्या व जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला ने संबंधित पक्षों को सुनने के बाद पाया कि रासुका का पहला आदेश सही था, उसमें कोई कानूनी त्रुटि नहीं है लेकिन उन्होंने रासुका बढ़ाने के दूसरे आदेश को अनुचित मानते हुए निरस्त कर दिया और याचिकाओं का निराकरण कर दिया है। बहरहाल हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद मुलजिमों पर लगी रासुका की कार्रवाई खत्म हो गई है। इसके बाद भी अभी मुलजिम जेल में है। उन्हें पहले से दर्ज केस में अभी जमानत की दरकार है जिसके लिए जल्दी ही कोर्ट में उनके द्वारा वकीलों के जरिये जमानत अर्जियां पेश की जाएंगी, ताकि वे सलाखों से बाहर आ सके।
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