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    छेड़छाड़, फर्जी दस्तावेज के आरोपी आजीविका मिशन में कर रहे नौकरी!

  • May 15, 2023

    • मिशन में 405 ब्लॉक समन्वयक रखे ठेके पर
    • अफसरों ने खुद का बचाव करने 23 कर्मचारियों को बाहर करने को कहा

    भोपाल। प्रदेश में 45 लाख से ज्यादा महिलाओं के समूहों को खड़ा करने का दावा करने वाले मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन में छेड़छाड़ और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पर रखने का मामला सामने आया है। दरअसल मिशन ने मुंबई की कंसलटेंसी फर्म ‘टी एंड एम कंसलटिंग प्रायवेट लिमिटेडÓ के जरिए 405 कर्मचारियों की भर्ती की थी। कर्मचारियों के दस्तावेजों की पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि 23 कर्मचारी ऐसे पकड़ में आए हैं, जो पर्याप्त योग्यता नहीं रखते हैं। आजीविका मिशन ने फर्म को पत्र लिखकर इन कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने को कहा है। साथ ही उनके स्थान पर नई भर्ती करने के निर्देश दिए हैं।

    आजीविका मिशन के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजीव सिंन्हा ने कंसलटेंसी एजेंसी टी एंड एम सर्विस कंसलटिंग प्रायवेट लिमिटेड को 2 मई 2023 को पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि ‘मप्र राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत संचालित एनआरईटीपी परियोजना में संस्था द्वारा पूर्व में भर्ती किए गए 405 कर्मियों मेें से 23 कर्मियों के अनुभवों का मूल्यांकनप करने पर पाया गया कि उक्त कर्मी पद के अनुरूप अर्हता नहीं रखते हैं। यह कर्मी वर्ष 2021 से पदस्थ किए गए हैं। ये कर्मी अपेक्षित परिणाम देने में असमर्थ रहे हैं। मिशन ने निर्देश दिए हंै कि 1 मई 2023 से एनआरईटीपी के कार्यों से पृथक करें तथा अनुरूप पूर्ण अर्हता प्राप्त करने वाले कर्मियों को तत्काल तैनात किया जाए।Ó इस संबंध में मप्र ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रभारी कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल ने पहले तो किसी को हटाने साफ इंकार किया। जब उन्हें आजीविका मिशन का पत्र भेजा तो फिर उन्होंने स्वीकार कि जिन्हें बाहर किया है उनके पास पर्याप्त योग्यता नहीं थी।


    विवादों में है आजीविका मिशन
    मप्र आजीविका मिशन भर्ती को लेकर लंबे समय से विवादों में है्र, लेकिन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। आजीविका मिशन में एक महिला अधिकारी की भर्ती की जांच रिपोर्ट में मिशन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैंं। जांच रिपोर्ट पर हाईकोर्ट ने भी सरकार से जवाब तलब किया, लेकिन शासन ने कोई कार्रवाई ही नहीं की। कंसलटेंसी फर्म के जरिए आजीविका मिशन में भर्ती करने के मामले में भी मिशन की सीईओ बेलवाल की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

    छेड़छाड़ के आरोपी को मिशन में नौकरी पर रखने का आरोप
    मुंबई की फर्म को मुरैना निवासी हरेन्द्र वाजोरिया ने लिखित शिकायत भेजी थी कि छेड़छाड़ के आरोपी केा भी मिशन में नौकरी पर रख दिया है। वाजोरिया के अनुसार महेन्द्र जाटव े खिलाफ मुरैना के सबलगढ़ थाने में धारा 354 के तहत मामला दर्ज है। साथ ही वाजोरिया ने आरोप लगाया कि नीतेश पांडे, रोशनी चंदेल ने भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाई है। इसकी शिकायत कंसलटेंसी एजेंसी टी एंड एम सर्विस कंसलटिंग प्रायवेट लिमिटेड को की गई, लेकिन केाई कार्रवाई नहीं की गई। इसी महीने सीता गुर्जर नाम की लड़की को नौकरी पर रखा है, उनके दस्तावेज भी अर्पाप्त होने के आरोप हैं। हालांकि सीता ने बताया कि उनके दस्तावेज वैध हैं। कहीं सी भी जांच करा ली जाए। वाजोरिया ने बताया कि लेनदेन करके कर्मचारियों को मिशन में नौकरी पर रखा गया है।यह बड़ा स्कैम है। हालांकि इस मामले में मिशन का कोई भी अधिकारी चर्चा को तैयार नहीं है। न हीं मिशन के प्रभारी सीईओ बेलवाल ने जवाब दिया है।

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