नई दिल्ली। मुंबई अटैक (Mumbai attack) का मास्टरमाइंड (Mastermind) आतंकी तहव्वुर (Terrorist Tahawwur) अब भारत की कैद में होगा. मोस्ट वांटेड आतंकी तहव्वुर राणा (Most wanted terrorist Tahawwur Rana) किसी भी वक्त भारत लैंड कर सकता है. तहव्वुर को ला रहा अमेरिका से उड़ा विमान रास्ते में है. भारत में अब उसके गुहानों का हिसाब होगा. तहव्वुर राणा को भारत लाना इतना आसान नहीं था. भारतीय एजेंसियों ने सबूत इकट्ठा करने में दिन-रात लगा दिए. जी हां, मुबंई हमले के गुनहगार तहव्वुर हुसैन राणा के खिलाफ सबूत जुटाने में भारतीय जांच एजेंसी (Indian Investigation Agency) ने दिन-रात एक किया और फिर सारे सबूत एकत्र किए. इन सबूतों को अमेरिकी अदालत भी नकार नहीं पाई. इनमें तहव्वुर राणा के वो ईमेल भी शामिल थे, जिसने उसे पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को लिखे थे. इसमें वे दस्तावेजी सबूत भी शामिल थे, जिसे पता चलता है कि तहव्वुर राणा मुंबई के ताज पैलेस होटल में भी हमले से पहले रूका था और उसने बाकायदा वहां की रेकी भी की थी>
मुंबई में 26/11 हमले के बाद जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी कि सभी आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत एकत्र हो. ऐसे में जब इस आतंकी हमले के दो मुख्य किरदारों डेविड हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया तो यह चुनौती और बढ़ गई. जांच एजेंसियों ने इस मामले में आरोपी तहव्वुर राणा के खिलाफ ऐसे दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस खोजना शुरू कर दिए, जिसे आसानी से चुनौती ना दी जा सके. इसके लिए जांच एजेंसियों ने देश और विदेश में मौजूद अपनी सहयोगी जांच एजेंसियों की भी मदद लेनी शुरू कर दी>
वो पांच अहम सबूत
इस जांच के दौरान वह पांच बड़े अहम सबूत जांच एजेंसियों के हाथ लगे. इन्हें देखकर एक बार तो खुद आरोपी और अमेरिकी अदालत दोनों हिल गए. इनमें पहला सबूत था कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान फौज में डॉक्टर रह चुका था. फौज से निकलने के बाद भी वह लगातार बड़े अधिकारियों और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के बड़े अधिकारियों और मुंबई हमले को अंजाम देने वाले गुनहगारों के संपर्क में था. इन सबूतो में वो ईमेल भी शामिल थे, जिन्हें गुनहगार राणा ने भारत और अन्य जगहों से पाकिस्तान भेजे थे. यह ऐसा इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस था, जिसका कोई तोड़ इस आतंकवादी के पास नहीं था।
कितनी बार भारत आया था राणा?
दस्तावेज की सबूतों में जांच एजेंसियों के पास तहव्वुर राणा के आठ बार भारत आने के सबूत . साथ ही वह कोच्चि, अहमदाबाद, दिल्ली, आगरा और मुंबई गया था. जिन जगहों पर रुका था उसके भी सबूत थे. इसमें सबसे बड़ा सबूत मुंबई के ताज होटल का था, जिसमें हमले के कुछ दिन पहले वह रुका था. उसने वहां से पूरी रेकी की थी.जिन जगहों के फोटो खींचकर उसने आतंकवादियों तक पहुंचाये थे, वह ईमेल भी जांच एजेंसी के हाथ लग चुका था. जांच एजेंसी वह दस्तावेज भी खोज चुकी थी जिसमें तहव्वुर राणा जब आठ बार भारत आया तो उसने 231 बार इस मामले के दूसरे आरोपी डेविड हेडली से बात की थी।
सबसे बड़ा सबूत क्या?
मुंबई अटैक केस में सबसे बड़ा सबूत खुद आतंकी डेविड हेडली बन गया था. वह अमेरिका कोर्ट में इस मामले में अपने जुर्म को स्वीकार कर चुका था. जबकि तहव्वुर हुसैन राणा ने अपने जुर्म को कबूल करने से इनकार कर दिया था. भारतीय जांच एजेंसियों की ओर से जुटाए गए सबूत तहव्वुर राणा के गले में ऐसा फंदा बनकर फंसे कि उसे भारत तक खींच लाए. भारत में उसे तिहाड़ जेल में रखा जा सकता है. यहां पर उससे मुंबई अटैक केस में पूछताछ होगी और पाकिस्तान का आतंकवाद वाला राज फिर सामने आ सकता है।
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