इंदौर। (जम्मू और कटरा से प्रियंका जैन देशपांडे की रिपोर्ट)
पहलगाम में हुई गोलीबारी के कारण जम्मू, श्रीनगर और उत्तरीय स्थलों का आनंद लेने पहुंचे पर्यटकों में डर का माहौल है। कुछ घंटों पहले कटरा में जहां माता के जयकारे गूंज रहे थे, वहां अब सिर्फ सन्नाटा ही है। जो माता के दर्शन कर लौट रहे थे उन्हें जल्द से जल्द जम्मू की बॉर्डर पार करनी थी तो जो माता के भवन में थे वे नीचे उतरने लगे तो दंगे की आशंका से कई यात्री माता के मंदिर में ही रुक गए। हालांकि उन्हें भी जल्द से जल्द लौटने की सलाह दी गई। हमले के बाद से अब तक हर कश्मीरी व आर्मी की ड्रेस में मिल रहे जवानों को देख न केवल खौफ से चीख निकल रही है, बल्कि अनजाने भय से भरी है। होटल, लॉज, सराय से लेकर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर भीड़ बढ़ गई है। जिनकी टिकट बुकिंग 2 दिन के बाद की है वे भी लौट जाना चाहते हैं। हजारों यात्री सिर्फ सुरक्षित घर पहुंचना चाहते हैं। कटरा से जाने वाले निजी वाहन आज बंद के बाद रवाना हो रहे हैं।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लगभग 36 घंटे बीत जाने के बाद भी खौफ का माहौल है। हर पल यात्रियों का बड़ी मुश्किल से कट रहा है। निजी वाहनों से आए यात्रियों ने मंगलवार की देर रात 2 बजे से ही रातोरात होटल खाली कर दिए थे, लेकिन ट्रेन-बसों से पहुंचे यात्री परेशान हैं। कटरा से जम्मू तक भारी सुरक्षा और पुलिस बल तैनात है। बख्तरबंद गाडिय़ां गश्त कर रही हैं। कैमरे और मोबाइल से फोटोग्राफी बैन कर दी गई है। हालांकि जम्मू यात्री की सिम के अलावा कहीं के भी फोन नंबर काम नहीं कर रहे हैं। लेकिन जो चल रहे हैं उन पर भी नेट की गति बहुत ही धीमी है। यात्रियों ने 1 दिन पहले ही बच्चों के लिए दूध और सूखा भोजन जुटा लिया था। लोकल दुकानदारों ने पर्यटकों को चेताया कि जल्दी यहां से निकल जाएं तो आनन-फानन में सभी ग्रुप में रवाना होने लगे। कटरा के पास प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में हजारों की संख्या में यात्री डरे हुए हैं। जम्मू, मैकलोडगंज, हेमिस, सनासर और पटनीटॉप, किस्तवाड़ नेशनल पार्क, अनंतनाग के पहाड़ी इलाकों में से रातोरात अमृतसर-दिल्ली की तरफ भाग रहे हंै। यात्रियों में आशंका है कि कहीं भागे आतंकी इस तरफ घने जगलों में न छुपे हों। पहलगाम से पटनीटॉप तक सिर्फ 4 घंटे के समय की दूरी है। घने जंगल, घाटियों और पहाड़ के बीच से 157 किलोमीटर की दूरी है। ऐसे में इन क्षेत्रों में अभी भी खौफ का माहौल है। हालांकि कटरा से विशेष ट्रेन के माध्यम से यात्रियों को रवाना किया जा रहा है।
मेहमानों को पानी और खाना देकर रवाना कर रहे हंै
होटल, सराय, लॉज, गेस्ट हाउस के संचालकों के अनुसार आने वाले कई महीनों तक पर्यटकों का आना लगभग बंद रहेगा। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद लगभग 5 साल के बाद ऐसी स्थिति फिर बनी है। रातोरात कई बुकिंग कैंसिल हो चुकी है और लगातार आने वाले 2 महीने में भी जो बुकिंग है उन्हें भी कैंसिल किया जा रहा है। पहलगाम आतंकवादी हमले ने जम्मू और कश्मीर के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका दिया है। खासकर पूर्वी भारत से आने वाले पर्यटकों ने यात्राएं रद्द कर दी हैं। बता दें कि आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, जिससे जम्मू और कश्मीर की यात्रा करने वाले लोगों में डर और असुरक्षा का माहौल बन गया है। विशेष रूप से कोलकाता जैसे प्रमुख हब से जम्मू और कश्मीर जाने वाले पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। फिर भी संचालक मेहमानों को पानी और खाना देकर रवाना कर रहे हैं।
पयर्टकों को हिदायत देकर रवाना किया जा रहा है
निजी वाहनों से अकेले यात्रा कर रहे परिवारों को किसी अनजान के लिए गाड़ी न रोकने की हिदायत देकर रवाना किया जा रहा है। महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक जैसे दक्षिण के यात्रियों को उनके ग्रुप में इक_ा किया जा रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद टूरिज्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है। बड़ी संख्या में लोगों ने जम्मू-कश्मीर का टूर रद्द कर दिया है। फिर भी होटल मालिक आम जनता व अपने मेहमानों को जरूरी टिप्स दे रहे हैं। जिन्होंने पहले से बुकिंग कर पेमेंट दे दिया था, उन्हें पैसा लौटाया जा रहा है।
लोकल कश्मीरियों में आक्रोश
पाकिस्तानी हमलावर और आतंकवादियों को लेकर यहां के लोकल कश्मीरियो में आक्रोश है। कटरा क्षेत्र में बंद की घोषणा होते ही लोकल रहवासियों में गुस्सा देखा गया। नाम न बताने की शर्त पर बात करते हुए अग्निबाण के संवाददाता से बात की। उन्होंने बताया कि पुलवामा में हुई घटना के बाद सालों लग गए सैलानियों का विश्वास जीतने में और इन आतंकवादियों की एक घटना हम कश्मीरियों को भी शक की निगाह से भर देती है। हर सैलानी हम पर भरोसा नहीं करता। हमारे परिवारों का दो वक्त का खाना इन यात्रियों और सैलानियों के भरोसे पर ही निर्भर है। कमाई का जरिया टूरिज्म ही है। ऐसे में परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हो जाता है। हालांकि कल पूरे दिन कटरा बंद रहा। होटल और गेस्ट हाउस के अंदर ही भोजन व्यवस्था की गई थी। सैलानियों को जवानों ने सुरक्षा का एहसास कराया।
विशेष ट्रेन चलाई जा रही है
जम्मू-कश्मीर में मौजूद सैलानी काफी खौफ में हैं। सैलानी जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर में फंसे मुसाफिरों के लिए राहत की बड़ी खबर सामने आई है। उत्तरी रेलवे ने बुधवार की रात कटरा से नई दिल्ली के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई है, ताकि रास्ते में फंसे यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक सफर मिल सके। यह जानकारी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि यदि जरूरत पड़ी तो और भी स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी।
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