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    21 साल की उम्र में यह युवक कर चुका है तीन अविष्कार, ‘हार्न बैन’ की PM मोदी ने की सराहना

  • May 14, 2023

    जैसलमेर: पश्चिमी राजस्थान का सरहदी जिला शिक्षा के क्षेत्र में भले ही पिछ़ड़ा है. लेकिन यहां भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. ऐसी ही एक प्रतिभा है जैसलमेर का रविंद्र. रविंद्र की उम्र सिर्फ 21 साल है. लेकिन इस छोटी सी उम्र में रविंद्र ने तीन आविष्कार का पेटेंट अपने नाम करवा लिया है. अटल इनोवेशन मिशन के तहत नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर दिल्ली के प्रगति मैदान में कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें ‘स्कूल टू स्टार्टअप’ के तहत जैसलमेर के रविंद्र ने अपनी ‘हॉर्न बैन’ आविष्कार को रिप्रजेंट किया.

    इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविंद्र को शाबासी देते हुए उसके आविष्कार की सराहना की. अटल कम्प्यूनिटी इनोवेशन सेंटर से जुड़े होने के साथ ही पिछले दिनों हुई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में रविंद्र ने 4 राउंड क्लियर करते हुए जीत हासिल की थी. जिसके बाद भारत सरकार से इन्हें अपने आविष्कारों को बाजार में उतारने के लिए 1 करोड़ रूपए का ग्रांट भी दिया गया. जैसलमेर के धौलिया गांव निवासी रविंद्र के पिता शिवरतन विश्नोई देश की सुरक्षा में तैनात है.

    प्रगति मैदान में नेशनल टेक्नोलॉजी डे के अवसर पर रविंद्र विश्नोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने ‘हॉर्न बैन’ आविष्कार से अवगत करवाया. उसने पीएम मोदी को बताया कि यह आविष्कार उसने अपनी स्कूल समय में ही कर लिया था. जिसके बाद उसने इसे पेटेंट करवाते हुए अपना स्टार्टअप भी शुरू कर दिया है. जिस पर मोदी ने रविंद्र विश्नोई की तारीख करते हुए शाबासी दी. उन्होंने इस आविष्कार पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह मशीन इंसानों की आवाज बैन नहीं कर सकती है क्या? अगर करती हो तो इसे संसद में लगानी है, वहां बहुत ज्यादा हल्ला है.

    • रविंद्र विश्नोई द्वारा सबसे पहले काई से ऑक्सीजन निकालने के लिए एक प्रयोग किया गया. जिसमें वह सफल भी हो गया. उसे यह आईडिया मछली के जीवन से आया. आमतौर पर तालाबों में हरे रंग की काई जम जाती है. लेकिन वास्तविकता में वह ऑक्सीजन देने का काम करती है. यह बात रविंद्र ने एक मशीन इजाद कर बताई. जिसका पेटेंट उसने सबसे पहले दिसंबर 2021 में करवाया.
    • रविंद्र की दूसरी उपलब्धि अप्रेल 2022 में दर्ज हुई. जिसमें उसने हॉर्न जैमर बनाया. आमतौर पर मोबाइल जैमर का उपयोग तो किया जाता है. लेकिन यह भी उसी बेस पर आधारित है. उसके बनाएं यंत्र को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल के पास लगाया जा सकता है. इस यंत्र से उस रेडिएशन में आने वाले सभी वाहनों के हॉर्न अपने आप ही बंद हो जाएंगे और कोई वाहन चालक चाहकर भी हॉर्न नहीं बजा सकेगा. यह ट्रेफिक सिग्नल के समय भी उपयोग लिया जा सकता है.
    • रविंद्र के तीसरे आविष्कार को पेटेंट विभाग द्वारा गत 31 अक्टूबर 2022 को रजिस्टर्ड किया गया है. जिसमें रविंद्र द्वारा मोटरसाइकिल स्टैंड से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक यंत्र बनाया गया है. जो मोटरसाइकिल शुरू होने के साथ ही साइड स्टैंड को अपने आप ऊपर ले लेता है. रविंद्र ने बताया कि देश में मोटरसाइकिल के 28 प्रतिशत हादसों का कारण साइड स्टैंड उपर लेना नहीं होता है.

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