नई दिल्ली। बीते साल गिरावट आने के बाद वर्ष 2024 में वैश्विक व्यापार में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने की उम्मीद है। हालांकि, कई हिस्सों में युद्ध, भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक नीति को लेकर अनिश्चितता की वजह से काफी जोखिम पैदा हो रहे हैं। विश्व व्यापार संगठन ने बुधवार को अपना यह पूर्वानुमान जारी किया। इसके साथ ही डब्ल्यूटीओ ने वर्ष 2024 के लिए वैश्विक व्यापार में बढ़ोतरी संबंधी अपने अनुमान को घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया। पिछले साल अक्तूबर में डब्ल्यूटीओ ने व्यापार वृद्धि दर 3.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
इस साल वैश्विक वस्तु व्यापार धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद
विश्व व्यापार संगठन ने बयान में कहा कि वर्ष 2023 में गिरावट आने के बाद इस साल वैश्विक वस्तु व्यापार धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद है। पिछले साल उच्च ऊर्जा कीमतों और मुद्रास्फीति के लंबे समय तक बने रहने का प्रभाव रहा। इसमें कहा गया है कि वस्तुओं के वैश्विक व्यापार की मात्रा 2023 में 1.2 फीसदी गिरने के बाद इस साल बढ़कर 2.6 फीसदी और वर्ष 2025 में 3.3 फीसदी रहनी चाहिए।
वर्ष 2024-2025 में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम होने की आसार
इसके मुताबिक, हालांकि क्षेत्रीय संघर्ष, भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक नीति को लेकर अनिश्चितता का माहौल पूर्वानुमान के लिए काफी नकारात्मक जोखिम पैदा करते हैं। वर्ष 2023 में व्यापारिक निर्यात में गिरावट के पीछे तेल एवं गैस जैसी वस्तुओं की गिरती कीमतें प्रमुख वजह थी। विश्व व्यापार संगठन ने कहा कि वर्ष 2024 और 2025 में मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम होने की उम्मीद है। इससे उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में वास्तविक आय, विनिर्मित वस्तुओं की खपत बढ़ेगी। व्यापार-योग्य वस्तुओं की मांग में सुधार पहले से ही स्पष्ट है। यह बेहतर आय संभावनाओं से जुड़ी घरेलू खपत में वृद्धि से संबंधित है।
जोखिमों को कम करना जरूरी- नगोजी ओकोंजो इवेला
डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने कहा कि हम जुझारू आपूर्ति श्रृंखलाओं और एक ठोस बहुपक्षीय व्यापार ढांचे की बदौलत वैश्विक व्यापार में सुधार की दिशा में बढ़ रहे हैं, जो आजीविका और कल्याण में सुधार के लिए जरूरी हैं। जरूरी है कि हम आर्थिक वृद्धि और स्थिरता बनाए रखने के लिए जोखिमों को कम करें।
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