नई दिल्ली (New Delhi) । रिटर्न (Return) के मामले में साल 2024 के शुरुआती छह महीनों में सोना निफ्टी (Gold Vs Nifty) को पीछे छोड़ दिया है। निफ्टी-50 के 10.5% यील्ड की तुलना में सोने से 13.37% का रिटर्न मिला है। अगर रुपये के लिहाज से देखें तो इस अवधि में एमसीएक्स गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट में हर 10 ग्राम सोने पर लगभग 8,400 रुपये का रिटर्न मिला है। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई का सोना वायदा 74,777 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया और अभी 71,800 रुपये के करीब है।
क्यों बढ़ रहा सोने का भाव
मीडिल-ईस्ट में तनाव, चीन से बढ़ती मांग और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सोने की कीमत बढ़ा दी है। पिछले 5 वर्षों (2019-2023) में वर्ष की पहली छमाही के दौरान सोने और निफ्टी के परफार्मेंस की तुलना करें तो सोने को चार मौकों पर सकारात्मक रिटर्न मिला है। इसमें 2020 में सबसे अधिक 13.71% और 2022 में सबसे कम 0.59% रिटर्न मिला है। हालांकि, 2021 में सोने ने 3.63% का निगेटिव रिटर्न भी देखा।
निफ्टी का पहली छमाही में कैसा रहा प्रदर्शन
दूसरी ओर निफ्टी ने पांच वर्षों में से तीन में पॉजीटिव रिटर्न दिया है। साल 2019, 2021 और 2023 की पहली छमाही में बढ़त रही। 2022 में निफ्टी ने 5 साल के भीतर 12% से अधिक का हाइएस्ट रिटर्न देखा। हालांकि, 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के कारण निफ्टी में 15% और 2022 की पहली छमाही में इसमें 9% की गिरावट आई।
ऋद्धिसिद्धि बुलियन लिमिटेड (आरएसबीएल) के प्रबंध निदेशक और आईबीजेए के राष्ट्रीय प्रमुख पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि फरवरी और अप्रैल के बीच 18% की महत्वपूर्ण तेजी के बाद सोना वर्तमान में 71,000-72,000 रुपये के आसपास मजबूत हो रही है।
कोठारी का मानना है कि सोने की मौजूदा कीमत स्थिरता को पर्याप्त ट्रिगर्स की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कुछ नकारात्मक ट्रिगर्स सामने आए हैं, जैसे कि फेडरल रिजर्व का रुख डोविश से हॉकिश में बदल रहा है। प्रत्याशित ब्याज दर में कटौती मार्च से जून और अब सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है, उनका कार्यान्वयन मुद्रास्फीति की स्थिति पर निर्भर है।
70,000 रुपये के आसपास की गिरावट पर खरीदें सोना
कोठारी का अनुमान है कि कमजोर बुनियादी बातों और तकनीकी कारकों के कारण अगले 1 से 2 महीनों में सोना 70,000 रुपये तक आ जाएगा। हालांकि, 2024 की अंतिम तिमाही में नए रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। रिद्धिसिद्धि बुलियन ने 70,000 रुपये के आसपास की गिरावट पर खरीदने की सलाह दी है, ताकि साल के अंत तक 75,000 रुपये और 77,000 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
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