नई दिल्ली। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) (ruling Bharatiya Janata Party (BJP)) को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में 614.53 करोड़ रुपये (Rs 614.53 crore as donations) मिले, जो विपक्षी कांग्रेस (opposition congress) द्वारा जुटाई गई राशि के छह गुना से अधिक है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को इस अवधि में 95.46 करोड़ रुपये का चंदा (Donation of Rs 95.46 crore) मिला है। आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को इस अवधि के दौरान चंदे के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि माकपा को 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई। माकपा की केरल में सरकार है।
चार राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त चंदे की अपनी नवीनतम रिपोर्ट पेश की थी, जिसने दस्तावेजों को मंगलवार को सार्वजनिक किया।
गुजरता में बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा
वहीं, गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) में पहले चरण के मतदान से कुछ दिन पहले चुनावी बॉन्ड के जरिए पार्टी को मिलने वाली फंडिंग पर चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट कहती है कि पिछले पांच साल में राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला कॉर्पोरेट फंड का 4 फीसदी हिस्सा अकेले गुजरात से आया। यही नहीं गुजरात में पिछले पांच साल की फंडिंग की कुल रकम का 94 फीसदी हिस्सा बीजेपी को मिला। राष्ट्रीय स्तर पर दो तिहाई चुनावी बॉन्ड भी बीजेपी के खाते में गए हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की पिछले पांच वर्षों में चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनीतिक फंडिंग पर एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट कहती है कि बीजेपी ने गुजरात में फंडिंग का 94% हिस्सा हासिल किया है। यह रिपोर्ट मार्च 2018 से अक्टूबर 2022 तक सभी पार्टियों को कुल मिले 174 करोड़ रुपये के चंदे पर आधारित है। इसमें अकेले बीजेपी का हिस्सा 163 करोड़ रुपये है।
बीजेपी के खाते में दो तिहाई चुनावी फंड
वहीं, अन्य पार्टियों की बात करें तो कांग्रेस ने 10.5 करोड़ रुपये और आम आदमी पार्टी ने 32 लाख रुपये चंदा हासिल किया। अन्य पार्टियों को 20 लाख रुपये मिले। वहीं, राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो कुल 1,571 चुनावी बॉन्ड में से बीजेपी को 1,519 मिले। भगवा पार्टी को 2017-18 के बाद से खरीदे गए सभी चुनावी बॉन्ड का 65% या दो-तिहाई प्राप्त हुआ है।
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