भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम पर रोक… प्रशासन के आदेश
इंदौर। इस वर्ष भी हिंगोट युद्ध (Hingot war) नहीं होगा। साथ ही भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम का भी आयोजन नहीं किया जाएगा। दीपावली (Diwali) के दूसरे दिन गौतमपुरा (Gautampura) में होने वाले हिंगोट युद्ध (Hingot war) पर प्रशासन (administration) ने इस साल भी रोक लगा दी है। तहसीलदार बजरंगबहादुर सिंह (Tehsildar Bajrang Bahadur Singh) ने बताया कि आयोजक भी महामारी (epidemic) को भलीभांति समझ चुके हैं, इसलिए किसी ने हिंगोट युद्ध (Hingot war) के आयोजन के लिए आवेदन नहीं दिए हैं। प्रशासन ने भी समाज के लोगों की कल मीटिंग ली, जिसमें निर्देश दिए कि इस साल हिंगोट युद्ध नहीं होगा। अगर महामारी पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया तो अगले साल जरूर युद्ध की अनुमति दी जाएगी। इसके अलावा दीपावली मिलन (Diwali meeting) समारोह सहित अन्य भीड़भाड़ वाले कार्यक्रमों पर भी रोक लगाई गई है। उल्लेखनीय है कि गौतमपुरा (Gautampura) में हिंगोट युद्ध (Hingot war) की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। दीपावली के दूसरे दिन कलंगी और तुर्रा गुट द्वारा एक-दूसरे पर जलते हुए गोले की वर्षा की जाती है, जिसमें कई लोग जख्मी भी हो जाते हैं। लेकिन 2 वर्षों से महामारी के कारण यह युद्ध नहीं हो रहा है, वहीं इस साल भी रोक लगा दी गई है।
इंदौर सहित आसपास के गांव से बड़ी संख्या में लोग आते हैं देखने
हिंगोट युद्ध (Hingot war) देखने के लिए इंदौर ( Indore) के साथ देपालपुर, बेटमा, सांवेर, गौतमपुरा (Gautampura), चंद्रावतीगंज (Chandravatiganj) सहित आसपास के गांव से सैकड़ों की भीड़ जुटती है। युद्ध में शामिल होने वाले स्थानीय कलाकार भी दीपावली के पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू कर देते हैं, लेकिन पिछले 2 सालों से महामारी (epidemic) के कारण आयोजन नहीं हो पा रहा है।
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