नई दिल्ली: पुर्नजन्म या मृत्यु के बाद के सफर पर भले ही कुछ लोग भरोसा करें और कुछ न करें लेकिन इनके बारे में जानने की जिज्ञासा सभी की होती है. हिंदू धर्म शास्त्रों और खास कर गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में तो इस बारे में विस्तार से बताया गया है. इसमें न केवल मौत (Death) के बाद आत्मा के सफर (Soul Journey) के बारे में बताया गया है. बल्कि यह भी बताया है कि व्यक्ति के कर्मों के आधार पर आत्मा के साथ कैसा व्यवहार होता है और उसे स्वर्ग (Heaven) या नर्क (Hell) किस आधार पर मिलता है.
ये कर्म दिलाते हैं स्वर्ग
गरुड़ पुराण के मुताबिक व्यक्ति के कुछ कर्म ऐसे होते हैं जो उसे मरने के बाद स्वर्ग लेकर जाते हैं. इसके लिए व्यक्ति को अपने जीवन में जागरुक रहकर काम करना होता है. उसे पांचों इंद्रियों पर काबू पाना होता है. पत्नी के अलावा उन्हें दुनिया की सारी महिलाओं को माता, बहन या पुत्री की तरह देखना होता है.
कुल मिलाकर स्वर्ग पाने के लिए महिलाओं का सम्मान करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा दान-पुण्य करने वाले लोग जो दूसरों की सुविधा के लिए कुआं, तालाब, प्याऊ का इंतजाम करते हैं, उन्हें भी स्वर्ग मिलता है. दूसरों को पानी पिलाना बहुत पुण्य का काम है.
ऐसे कर्म करने पर मिलता है नर्क
लालची, दुराचारी, दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले लोग नर्क में जाते हैं. खासकरके गरीब, बीमार, असहाय, अनाथ और बुजुर्गों को कष्ट देने वाले लोगों की मृत्यु के बाद बहुत बुरी स्थिति होती है. इसके अलावा महिलाओं का अपमान करने वाले, कन्याओं-महिलाओं के साथ दुराचार करने वाले, पितरों का श्राद्ध न करने वाले लोगों को भी नर्क में ही जगह मिलती है. दूसरों का पैसा हड़पने वालों के साथ भी ऐसा ही होता है.
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