नई दिल्ली: पंजाब में आज पंचायत चुनाव हो रहे हैं. इसी बीच एक शख्स सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और उसने याचिका लगाकर चुनावों को तुरंत रुकवाने की मांग की. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने पंचायत चुनावों पर तत्काल रोक लगाने से साफ इनकार करते हुए कहा कि अगर अदालतें मतदान के दिन चुनावों पर रोक लगाना शुरू कर देंगी तो अराजकता फैल जाएगी. हालांकि कोर्ट ने इस मामले पर आगे सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार कर लिया.
बेंच ने कहा, “अगर आज मतदान शुरू हो गया है, तो हम इस स्तर पर हस्तक्षेप कैसे कर सकते हैं? शायद हाईकोर्ट ने इसकी गंभीरता को महसूस किया और चुनावों पर रोक हटा दी. अगर हम मतदान पर रोक लगाते हैं, वह भी मतदान के दिन, तो अराजकता फैल जाएगी.”
इसके बावजूद भी सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में पंचायत चुनावों की अनुमति देने वाले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की. इससे पहले हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक वाली करीब एक हजार याचिकों को खारिज कर दिया था. हाईकोर्ट ने 206 पंचायतों पर प्रतिबंध को भी हटा दिया था, जिससे चुनाव बिना किसी कानूनी बाधा के 15 अक्टूबर को हो रहे हैं.
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार केवल चुनाव आयोग को है. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि चुनावों का वीडियोग्राफी और रिकॉर्डिंग के माध्यम से दस्तावेजीकरण किया जाए. पंजाब में पंचायत चुनाव 13,237 सरपंचों’ और 83,437 पंचों के लिए हो रहे हैं.
एडवोकेट हाकम सिंह ने कहा, “पंचायत चुनावों के संबंध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में लगभग 1,000 रिट याचिकाएं दायर की गई थीं. 250 रिट याचिकाएं भी दायर की गई थीं और उन्हें 11 आधारों पर अलग किया गया था. वीडियोग्राफी के आधार पर एक को छोड़कर सभी याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. 250 रिट याचिकाओं पर रोक भी हटा दी गई है. हम कल सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.”
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