यरुशलम। दुनिया के कई देश युद्ध में घिरे हुए हैं। जहां रूस-यूक्रेन जंग को दो साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है। वहीं ईरान और इस्राइल के बीच भी जंग छिड़ती दिख रही है। दो कट्टर दुश्मन देशों के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। इधर, हमास और इस्राइल बीते छह महीने से लड़ाई लड़ रहे हैं।
हमास को निशाना बनाने के लिए दक्षिणी गाजा में अपने सैन्य अभियान के साथ आगे बढ़ने के संकल्प के साथ ही इस्राइल ने राफा पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं। हालांकि, इस्राइल ने जमीनी हमला शुरू करने से पहले एक बार आखिरी मौका देने की बात कही। उसने चेतावनी देते हुए कहा कि वह बंधकों की रिहाई पर समझौता करने के लिए गाजा और मिस्र के बीच चल रही बातचीत को आखिरी मौका दे रहा था।
संघर्ष विराम समझौते के लिए यह आखिरी मौका
राफा में हमले और हमास के साथ बंधक समझौते पर इस्राइली और मिस्र के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के बीच चर्चा शुक्रवार को समाप्त हो गई। एक रिपोर्ट के अनुसार इस्राइल ने चेतावनी दी कि लंबे समय से नियोजित हमले करने से पहले संघर्ष विराम समझौते के लिए यह आखिरी मौका था।
बातचीत काफी अच्छी रही
इस्राइल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बातचीत काफी अच्छी रही। सभी मापदंडों में प्रगति हुई है। मिस्र के प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई चर्चा को लेकर इस्राइली अधिकारी ने कहा कि राफा में आगे बढ़ने के इस्राइल के बहुत गंभीर इरादे हैं। मिस्रवासी हमास पर दबाव डालने के लिए तैयार दिखाई दिए।
राफा में हमले को लेकर परेशान मिस्र
अधिकारी ने बताया कि मिस्र का प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में इस्राइल में है। बंधकों को मुक्त करने और गाजा में संघर्ष विराम स्थापित करने के लिए लंबे समय से रुकी हुई वार्ता को आगे बढ़ाने पर चर्चा कर रहा है। मिस्र अपनी सीमा के पास राफा में हमले को लेकर परेशान है। हाल के महीनों में, लगभग 10 लाख फलस्तीनी राफा से पलायन कर चुके हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कतर और मिस्र द्वारा महीनों की बातचीत के बाद भी मौलिक उद्देश्यों पर असहमति ने हमास और इस्राइल को एक समझौते पर आने से रोक दिया है।
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