खरगोन: देश के ख्याति प्राप्त संत श्री 1008 सियाराम बाबा (Siya Ram Baba) बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. आश्रम के नजदीक ही हिन्दू रीति-रिवाज से साधु-संतों और सेवादारों ने बाबा का अंतिम संस्कार किया. इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी दोपहर 3 बजे बाबा के आश्रम पहुंचे. सीएम ने बाबा के चरणों में पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहां कि यह गांव सियाराम बाबा के नाम से जाना जाएगा.
सीएम ने कहा, बाबा की कर्मभूमि तेली भट्टयान बुजुर्ग आश्रम को पवित्र क्षेत्र बनाएंगे. बता दें कि बाबा के अंतिम दर्शन के लिए पूरे मध्य प्रदेश से लाखों भक्त खरगोन के तेली भट्टयान आश्रम पहुंचे. जबकि, करोड़ों लोगों ने घर बैठकर लाइव दर्शन किए. इस दौरान निमाड़-मालवा सहित देश भर के संत महात्माओं ने भी आश्रम पहुंचकर बाबा के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि अर्पित की.
सियाराम बाबा के अंतिम संस्कार में चंदन की लकड़ी का उपयोग किया गया है. संत रीति अनुसार, दोपहर 3 बजे बाबा को पालकी में बिठाकर आश्रम से नर्मदा तट तक अंतिम यात्रा निकाली गई, जो करीब 3:30 बजे घाट पर पहुंची. यहां चंदन की लकड़ी और गाय के गोबर से सजी चिता पर बाबा बिठाया गया. दूध, घी, नर्मदा जल सहित पंचामृत से अभिषेक हुआ. निर्धारित समय 4 बजे संतों ने मिलकर बाबा को मुखाग्नि दी.
बता दें कि, बुधवार सुबह 6:10 बजे 94 वर्ष की उम्र में सियाराम बाबा ने आश्रम पर अंतिम सांस ली. दरअसल, 29 नवंबर को बाबा को निमोनिया होने के बाद से वह बीमार चल रहे थे. हालांकि, डॉक्टरों की निगरानी में आश्रम पर ही बाबा का उपचार चल रहा था. लेकिन, बाबा ने खाना छोड़ दिया था और सिर्फ थोड़ा-थोड़ा तरल पदार्थ ही ग्रहण कर रहे थे.
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