मुंबई। क्रिकेट इतिहास में हमने कई ऐसे मैच देखे हैं जिसमें अंत रोमांचक हुआ। कभी अंतिम गेंद पर चौका लगाकर जीतने की चुनौती रोमांचक बनी तो कभी आखिरी गेंद पर छक्का जड़कर जीत दर्ज करना। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि अंतिम गेंद पर 12 रन चाहिए हो और बल्लेबाज ने इस नामुमकिन से दिखने वाले काम को मुमकिन कर दिखाया हो। ऐसा हो चुका है।
न्यूजीलैंड के घरेलू टी20 टूर्नामेंट में 14 साल पहले जनवरी 2007 में एक ऐसा मुकाबला खेला गया था जिसने सबको दंग कर दिया था। उस मुकाबले में नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्टस और ऑकलैंड की टीमें आमने-सामने थीं। मैच में कई स्टार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी खेल रहे थे। इन्हीं में से एक थे आंद्रे एडम्स जिन्होंने अनोखा कमाल करके दिखाया था।
क्या स्थिति बनी थी उस दिन : मैच में नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्टस की टीम ने टॉस जीतकर 160 रनों का स्कोर खड़ा किया था। ऑकलैंड को जीत के लिए 161 रन चाहिए थे। जवाब में उतरी ऑकलैंड की टीम एक समय 97 रन पर 5 विकेट गंवा चुकी थी। उन्हें 34 गेंदों पर 64 रनों की जरूरत थी। रॉब निकोल और कीली टॉड की जोड़ी उनको अंतिम ओवर तक ले गई।
आखिरी ओवर तक पहुंचा मैच : अंतिम ओवर की दूसरी गेंद पर कीली टॉड आउट हो गए और स्कोर था 147-6, अब उनकी टीम को 4 गेंदों में 14 रन चाहिए थे। तब पिच पर एंट्री हुई ऑकलैंड के ऑलराउंडर आंद्रे एडम्स की। किसी तरह मैच अंतिम गेंद तक पहुंच गया और अब ऑकलैंड को एक नामुमकिन सा दिखने वाला आंकड़ा हासिल करना था। एक बॉल पर 12 रन।
आखिरी गेंद का गजब रोमांच : ग्रेम एलड्रिज बॉलिंग कर रहे थे जो कि तब तक 2.5 ओवर में कुल 7 रन लुटाते हुए 2 विकेट भी ले चुके थे। वो अपनी टीम के स्टार गेंदबाज थे। अंतिम गेंद की बारी आई तो एलड्रिज ने सबसे पहले कमर से ऊपर एक नो-बॉल फेंक दी और इस गेंद पर एडम्स ने बल्ला छुआ दिया तो चौका भी चला गया। न्यूजीलैंड के घरेलू क्रिकेट में नो-बॉल पर दो रन मिलते हैं इसलिए यहां 6 रन आ चुके थे और अब भी अंतिम गेंद होना बाकी थी और अब जीत के लिए 6 रन चाहिए थे।
गेंदबाज फिर गेंद करने आया, ऑकलैंड को छक्का चाहिए था और आंद्रे एडम्स ने यही कर भी दिखाया। उन्होंने शानदार छक्का जड़ा और अपनी टीम को जीत दिला दी। यानी 1 बॉल पर 12 रन हासिल किए जा चुके थे और ऑकलैंड के खिलाड़ी आंद्रे एडम्स एक स्टार बन चुके थे।
आंद्रे एडम्स का अजीब अंतरराष्ट्रीय करियर : आंद्रे एडम्स एक प्रतिभाशाली बॉलिंग-ऑलराउंडर थे, हालांकि इस खिलाड़ी का अंतरराष्ट्रीय करियर इतना खास नहीं रहा। उन्होंने सिर्फ एक टेस्ट खेला जहां उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 6 विकेट भी झटके लेकिन इसके बाद उनको कभी मौका नहीं दिया गया। वहीं वनडे क्रिकेट में उन्होंने 42 मैचों में 419 रन बनाने के अलावा 53 विकेट भी लिए लेकिन 2007 के बाद उन्हें कभी दोबारा वनडे खेलने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने 2005 से 2006 के बीच चार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले जिसमें उन्होंने 3 विकेट लिए।
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