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    कोरोना की तीसरी लहर से सुरक्षित रखेगा यह पारदर्शी मास्क, मिली मंजूरी, जानिए खासियत

  • June 06, 2021

    नई दिल्ली। कोरोना (Corona) की तीसरी लहर (Third Wave) बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताई जा रही है। उसी हिसाब से वैज्ञानिक भी अपने उपकरणों को धारदार बना रहे हैं ताकि बच्चे कोरोना (Corona) का डटकर मुकाबला कर सकें। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (CSIO) ने पारदर्शी (Transparent) मास्क का दूसरा नमूना तैयार किया है। इसके जरिए बच्चे अधिक सुरक्षित रह सकेंगे। इसका ट्रायल एक स्कूल में वैज्ञानिकों की टीम ने किया। यह ट्रायल उन बच्चों पर किया गया जो बोल नहीं सकते। इशारों से ही बात करते हैं। इस मास्क को बाजार में उतारने की तैयारी है, जो जून के आखिरी सप्ताह तक आ सकता है। इसके लिए सीएसआईओ (CSIO) का उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) की एक बड़ी कंपनी से करार हुआ है।

    पॉलीमर व अल्ट्रासोनिक वेल्डिंग का किया प्रयोग 
    सीएसआईओ की युवा वैज्ञानिक डॉ. सुनीता मेहता ने मार्च में एक ऐसा मास्क तैयार किया जो पारदर्शी है। यह पॉलीमर (Polymer) से तैयार किया गया था। इसकी खासियत थी कि वायरस का प्रवेश उसमें नहीं हो सकता। साथ ही उसमें वाष्प (vapor) नहीं बनती, लेकिन उसका आकार छोटा था जो पूरे मुंह को कवर नहीं कर पा रहा था। साथ ही सांस लेते समय मुंह पर अधिक चिपक रहा था। इसी बीच वैज्ञानिकों व चिकित्सकों की चेतावनी सामने आ गई कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक घातक हो सकती है। उसके बाद यहां के वैज्ञानिकों ने उसी के हिसाब से ट्रांसपेरेंट मास्क को अपग्रेड किया। उसी का अगला नमूना तैयार किया। यह भी पॉलीमर का ही है। इसमें आउट लाइन अल्ट्रासोनिक वेल्डिंग (ultrasonic welding) लगी हुई हैं। कई अन्य चीजें भी इसमें लगाई गई हैं।

    तीसरी लहर के आने से पहले पूरे देश में मास्क पहुंचने की उम्मीद
    मास्क तैयार होने के बाद इसका प्रयोग सेक्टर- 18 स्थित लायन क्लब डीफ एंड डंब स्कूल के छात्रों पर किया गया। बच्चों पर प्रयोग इसलिए किया गया कि मास्क लगाने के बाद उन्हें सांस लेने में तो तकलीफ नहीं है। कई बच्चों पर प्रयोग हुआ और सफल रहा। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर आने से पहले यह मास्क पूरे देश में पहुंचे, ऐसे उम्मीद की जा रही है। इस मास्क की कीमत लगभग 200 से 300 के मध्य रहने की उम्मीद है।


    क्या हैं मास्क की खासियत

    • पारदर्शी है। ऐसे में हर किसी का चेहरा देखा जा सकता है। चिकित्सक कई बार चेहरा देखकर ही मर्ज को पकड़ते हैं। वहां इससे आसानी होगी। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, मॉल आदि में भी कैमरे की निगरानी में लोग रहेंगे। 
    • इसमें सांस नहीं फूलती और न ही फॉगिंग होती।
    • पूरा चेहरा कवर करता है। वायरस का प्रवेश इसमें नहीं हो सकता।
    • इसको 20 से 25 बार आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। साबुन से धोया जा सकता है। सैनेटाइज कर इसे साफ किया जा सकता है।
    • पानी की बूंदें अंदर प्रवेश नहीं कर सकेंगी।

    मास्क आ अगला अपग्रेडेशन अब स्वास्थ्य जगत के लिए होगा
    कोरोना से सीधा वास्ता स्वास्थ्य जगत का पड़ता है, जिसमें चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी आते हैं। अब उनके लिए इस मास्क को तैयार किया जाएगा यानी इसका अगला नमूना तैयार जल्द होगा। तैयार होने वाले मास्क में एंटीवायरल कोटिंग का प्रयोग किया जाएगा। अन्य चीजों को भी देखा जाएगा यानी एक मास्क ही महीने तक सुरक्षा प्रदान करेगा। यह मास्क सबसे अधिक सुरक्षित होगा। 

    ट्रांसपेरेंट मास्क वायरस से पूरी तरह बचाएगा। बच्चों पर इस मास्क का ट्रायल हो चुका है। बच्चे लगाने के बाद काफी सुरक्षित रहेंगे। यह मास्क जून के आखिर तक बाजार में आ सकता है। इसकी पूरी तैयारी है। उत्तरप्रदेश की एक कंपनी के साथ इसे बनाने के लिए करार हुआ है। 
    -डॉ. सुनीता मेहता, सीएसआईओ चंडीगढ़

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