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    UP Election: इस बार चुनाव में हाथरस के ये मुद्दे रहेंगे हावी, आम लोगों ने योगी सरकार के लिए कही बड़ी बात

  • November 29, 2021

    हाथरस। हींग के लिए देश में अपनी अलग पहचान बना चुके हाथरस में इस बार क्या चुनावी मुद्दे होंगे?। क्या आम लोग सरकार के कामकाज से खुश हैं? कौन सी समस्याएं हैं जो अभी दूर नहीं हो पाई है? ऐसे ही तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए सोमवार को हाथरस पहुंचा। यहां चाय पर चर्चा के दौरान लोगों ने खुलकर सभी मुद्दों पर बात की। सरकार की कई खामियों और अच्छाईयों की गिनती कराई तो योगी और मोदी सरकार के लिए भी बड़ी बात कही। पढ़िए किसने क्या कहा?

    भ्रष्टाचार और महंगाई का मुद्दा हावी
    राजीव ने कहा कि हाथरस में भ्रष्टाचार और महंगाई का बड़ा मुद्दा है। कोरोनाकाल में व्यापार काफी कम हुआ है। भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। खाद्य विभाग के एक अफसर के खिलाफ शिकायत की थी। सारे साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार ने अच्छे काम भी किए हैं, लेकिन महंगाई और भ्रष्टाचार को काबू नहीं कर पाई है।

    सुनील ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार को काबू नहीं कर पाई है। अफसरों पर लगाम नहीं लगा पाई। अधिकारियों द्वारा जो भ्रष्टाचार किया गया, उससे जनता परेशान है। गरीबों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, सरकार ने कई अच्छे काम भी किए हैं। यहां 20 साल से पुल की मांग हो रही थी। उसे भाजपा सरकार ने बनवाया है। मैं मौजूदा सरकार से 75% संतुष्ट हूं। चिकित्सा के क्षेत्र में भी काम हुआ है, लेकिन अभी इसमें काफी सुधार की गुंजाइश है। सरकार को एक-एक मुद्दे को चुन-चुनकर काम करना चाहिए। 

    इंडस्ट्री का मुद्दा भी उठा

    साकेत ने कहा कि हाथरस में पराग डेयरी है, लेकिन अभी बंद पड़ी हुई है। आलू का काफी उत्पाद होता है। लेकिन कोई उद्योग नहीं लगा। यहां कई तरह की इंडस्ट्री लग सकती है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। चुनाव के वक्त मुद्दों पर बात होती है, लेकिन वोट जाति और धर्म के आधार पर ही पड़ते हैं।


    सर्राफा व्यवसायी मूलचंद्र ने कहा कि सदर विधानसभा में भाजपा मजबूत है। जातीगत समीकरण भाजपा के पक्ष में है। शिवम भारद्वाज ने कहा कि शहर का विकास अब दिखने लगा है। आज शहर में पार्क बने हैं। स्वच्छता को लेकर काम हो रहे हैं। सड़कें बन रही हैं। ट्रैफिक की स्थिति थोड़ी खराब है, लेकिन इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। चिकित्सा व्यवस्था सुधारने की जरूरत है, हालांकि पहले के मुकाबले इसमें काफी बदलाव आया है। अच्छी बात ये है कि सरकार ने हाल ही में यहां के लिए मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया है।

    अरुण उपाध्याय ने कहा कि यहां स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। जिला अस्पताल की समस्या बहुत ही खराब है। छोटी सी भी समस्या हो जाए तो जिला चिकित्सालय के डॉक्टर तुरंत अलीगढ़ के लिए रेफर कर देते हैं। टिंकू सिंह ने कहा कि पिछली सरकार के मुकाबले काफी बेहतर काम हुआ है। चिकित्सा व्यवस्था भी बेहतर  हुई है।  

    नितिन अग्रवाल ने कहा कि व्यवसायियों की हालत खराब है। सलीमपुर में इंडस्ट्री लगाने के लिए जगह ली गई थी, लेकिन मामला कोर्ट में चला गया। सरकार से कई बार मांग की, लेकिन कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला।

    केबल संचालक राजकुमार शर्मा ने कहा कि कोरोना के चलते पूरी दुनिया में हालत खराब है। सरकार इसमें कुछ नहीं कर सकती है। कुवेश कौशिक ने कहा कि कभी हमारा हाथरस दालों की फैक्ट्री और रेडीमेड फैक्ट्री के लिए अलग पहचान बनाए हुआ था। क्या कभी किसी सरकार ने इस ओर ध्यान दिया? आगे इस क्षेत्र में काम हो तो यहां के बहुत से लोगों को रोजगार मिला।

    सत्यप्रकाश ने कहा कि यहां कांच का कारोबार पूरी तरह से खत्म हो गया। कोई भी सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा के मुद्दे पर बात नहीं करती है। हिंदू-मुस्लिम पर वोट पड़ते हैं। जनप्रिय शर्मा ने कहा कि भ्रष्टाचार और महंगाई पर कंट्रोल करना चाहिए। ओवरऑल सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है।

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