ग्वालियर। सावन का पवित्र महिना भगवान शिव (Lord Shiva) का सबसे प्रिय माह है। सावन में सोमवार का भी विशेष महत्व होता है। सावन का सोमवार भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला होता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा (Astrologer Sunil Chopra) के अनुसार इस बार सावन माह में चार सोमवार होंगे। 25 जुलाई रविवार से सावन का माह शुरू हो जाएगा जो 22 अगस्त तक चलेगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन के महीने में भगवान शिव की विधि- विधान से पूजा-अर्चना करनी चाहिए। 26 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। दूसरा सोमवार 2 अगस्त को तीसरा 9 को व आखिरी सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा। मान्यता है कि सावन के महीने में पडऩे वाले सभी सोमवार में यदि विधि पूर्वक भगवान शिव की पूजा की जाए तो सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ग्वालियर के अचलेश्वर मंदिर, गुप्तेश्वर व कोटेश्वर मंदिरों में शिव भक्त शिवलिंग की पूजा के लिए एकत्रित होते है। इन मंदिरों में अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है। लेकिन कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए इस बार घर में ही शिवजी की पूजा अर्चना करें। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन मास की प्रतिपदा तिथि से कांवड की पवित्र यात्रा का आरंभ होता है।
कावडिय़ा पवित्र नदियों से गंगाजल भरकर अपने स्थान तक लाते है और शिवजी का जलाभिषेक करते हैं। इस बार कई राज्यो में कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। सावन के महीने में ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना बहुत ही शुभ माना गया है। सावन के प्रत्येक सोमवार को भक्तजन व्रत करके शिवजी का जलाभिषेक करते हैं और भांग, धतूरा और बेलपत्र चढ़ाकर पूजा करते हैं। महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती हैं और प्रार्थना करती है।
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