– वेलेंटाइन डे के आसपास भारत में 500 करोड़ रुपये का होता है फूलों का बाजार
नई दिल्ली। इश्क के इज़हार का दिन वेलेंटाइन डे नजदीक ही है, लेकिन, जनाब. इस बार इश्क का इज़हार आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। इसकी वजह है गुलाब की कीमतों में भारी इज़ाफा।
दरअसल, कोरोना महामारी के चलते फूलों के उत्पादन पर भारी असर हुआ है, जिससे इसकी कीमतें 15% तक बढ़ गई है. बढ़ गई हैं। वैश्विक फ्लावर डिलीवरी चेन इंटरफ्लोरा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तरुण जोशी के मुताबिक, वैलेंटाइन वीक के दौरान 20 फूलों का गुलदस्ता औसतन 700-800 रुपये का बिक रहा है।
जोशी ने कहा, “लॉकडाउन के चलते फूलों के निर्यात में गिरावट आने के कारण किसानों ने गुलाब और अन्य विदेशी फूलों की खेती के बजाय सब्जी की खेती की है।” इसके अलावा ऑनलाइन सेल में 30 फीसदी के इजाफे और कम आपूर्ति के चलते भी कीमतों पर दबाव बना हुआ है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कम मांग और पिछले कुछ महीनों में दोगुने हो चुके हवाई किरायों के चलते फूलों के निर्यात में 40% तक की गिरावट आई है।
ग्रोवर्स फ्लॉवर काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्रीकांत बोल्लापल्ली ने कहा कि इसके बावजूद काउंसिल सुनिश्चित करेगी कि गुलाबों की सबसे अच्छी गुणवत्ता, बड़ी कली का आकार, लंबे तने की लंबाई और रंगों के विभिन्न शेड्स, घरेलू बाजार में इस साल मामूली वृद्धि पर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि भारत यूरोप, मध्य पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को प्रति वर्ष लगभग 500 करोड़ रुपये की कीमत की 2 करोड़ गुलाब की कलियों (तनों) का निर्यात करता है।
उल्लेखनीय है कि वैलेंटाइन वीक हर साल 7 से 14 फरवरी के बीच मनाय जाता है। भारत सहित दुनिया भर में फूलों की खेती करने वालों लिए साल का यह सबसे बड़ा अवसर होता है। भारत में वेलेंटाइन डे के आसपास लगभग 500 करोड़ रुपये का फूलों का कारोबार होता है। इन फूलों की सप्लाई खासतौर से पुणे, बेंगलुरु, होसुर, कूर्ग और ऊटी से होती है। (एजेंसी, हि.स.)
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