नई दिल्ली। इस वर्ष फिर होली (Holi) का त्योहार देशभर के व्यापारियों ( traders) के लिए बेरंग साबित होने वाला है। कारोबारियों का संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Organization Confederation of All India Traders (CAIT)) ने कहा कि कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद इस साल होली से शुरू हो रहे उत्सव का देश के रिटेल सेक्टर को लंबे से इंतजार था, जो उनकी जरूरत भी थी। क्योंकि होली से ही साल के बड़े त्योहारों की शुरुआत होती है, जिस पर लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं।
कारोबारी संगठन का कहना है कि इस साल चीन से होली पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये का सामान रंग और खिलौनों के रूप में भारत में बिकने के लिए आयात किया जाना था, लेकिन पिछले साल कैट के दिवाली पर चीनी समानों के बहिष्कार के अह्वान को देशभर में भारी समर्थन मिला था। दरअसल ये अभियान अभी जारी है जिसके चलते भारतीय कारोबारियों ने होली पर बिकने वाले सामानों की थोक में चीन की जगह भारतीय सामानों की खरीदारी शुरू कर दी थी।
चीनी सामानों के बहिष्कार के बाद बाजार में उतने समानों की आपूर्ति की तैयारियां भी जोरों पर थीं, लेकिन दिल्ली सरकार समेत सभी राज्यों में होली पर जारी किए गए निर्देशों के बाद देशभर के व्यापारी बेहद चिंतित हैं। खासकर होली के सामान का व्यापार करने वाले व्यापारियों के यहां बड़ा स्टॉक हो गया है, जिसका निपटारा फ़िलहाल कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण असम्भव है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि होली पर सामूहिक सभाओं, होली मिलन समारोह और गली नुकड़ों में इकट्ठा होकर जश्न मनाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। ऐसे कार्यक्रमों से भी छोटे व्यापारियों को आर्थिक मुनाफा होता रहा है, जिस पर अब अंकुश लग चुका है। अकेले दिल्ली में ही होली के मौके पर तकरीबन 3000 छोटे-बड़े आयोजन किए जाते रहे हैं। देशभर में ऐसे छोटे-बड़े समारोह की संख्या लगभग 40 हज़ार के आसपास होती है, लेकिन अब न तो होली का हुल्लड़ होगा न ही रंगों की मस्ती।
खंडेलवाल ने कहा कि इस साल जब कोई सामाजिक कार्यक्रम ही नहीं होगा तो लोग घरों में ही रहना पसंद करेंगे। यही कारण है कि होली के एक हफ्ते पहले होने वाली खरीदारी में गिरावट आई है और बाज़ार सुनसान पड़े हैं। इस साल रंग, गुलाल और होली के खिलौनों की खरीद-फरोख्त में तो दुकानदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं, मिठाई, नमकीन, हर्बल गुलाल, फूल और पूजा की सामग्री की खरीदारी होने की उम्मीद भी न के बराबर है।
कैट महामंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के गाइडलाइंस में भी साफ-साफ इस साल होली पर किसी भी प्रकार के सामाजिक जलसे या समारोह का आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, केंद्र सरकार की सलाह के बाद देश के प्रायः सभी प्रमुख राज्यों में कोविड गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं, जिसका व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा। खंडेलवाल के मुताबिक होली पर एक अनुमान के मुताबिक देशभर में करीब 25 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता रहा है, जिसमे अकेले दिल्ली में लगभग 1500 करोड़ रुपये का व्यापार होता रहा है, लेकिन इस साल ये व्यापार पूरी तरह प्रभावित होने वाला है, जिससे व्यापारियों के चेहरे पर मायूसी साफ तौर पर देखने को मिल रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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