भोपाल। नई कलेक्टर गाइडलाइन (New Collector Guideline) 2022-23 के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। महानिरीक्षक पंजीयन
(Inspector General of Registration) के आदेश के बाद अब अगले वर्ष की गाइडलाइन को एक्सेल शीट पर तैयार करने की बजाय संपदा पर डाटा एंट्री (Data Entry) करके आनलाइन (Online) किया जाएगा। इस बार यह बदलाव किया गया है। शीट को समितियों को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। प्रस्तावित गाइडलाइन (Guideline) का प्रारंभिक अंतिम प्रकाशन जिले की बेवसाइट
(Website) पर पीडीएफ फार्मेट (Pdf Format) में होगा और कलेक्टर एवं जिला पंजीयक के पास इसका रिकार्ड बतौर प्रिंट रहेगा। यह आमजन के लिए भी प्रदर्शित किया जाएगा।
वहीं नई लोकेशन जोडऩे से पहले पूरी अनुमतियां और जरूरी साक्ष्य केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड को उपलब्ध कराना पड़ेंगे। \महानिरीक्षक पंजीयन ने कलेक्टर गाइडलाइन की प्रस्तावित दरों की डाटा एंट्री 15 दिसंबर तक पूरी करने के लिए सभी उप पंजीयकों को निर्देश दिए हैं और 31 मार्च 2022 तक संपदा पर अंतिम प्रकाशन का लक्ष्य रखा है। महानिरीक्षक पंजीयन ने दरें प्रस्तावित करने से पहले यह ध्यान रखने का भी निर्देश दिया है कि अधिग्रहण संभावित क्षेत्रों के विकास को ध्यान में रखकर ही दरों का निर्धारण किया जाए।
कलेक्टर गाइडलाइन तैयार करने का कार्यक्रम
15 दिसंबर तक उप पंजीयक स्तर पर प्रस्तावित दरों की डाटा एंट्री संपदा में की जाएगी। 31 दिसंबर तक उप पंजीयक द्वारा उप जिला मूल्यांकन समिति से अनुमोदन लेकर गाइडलाइन के प्रस्ताव जिला मूल्यांकन समिति के पास भेजे जाएंगे। 15 जनवरी तक जिला पंजीयक द्वारा जिला मूल्यांकन समिति से अनुमोदन लेकर पूरे जिले की प्रस्तावित गाइडलाइन का प्रारंभिक प्रकाशन कराया जाएगा। 1 फरवरी तक जिला पंजीयक द्वारा आम जन से सुझाव लिए जाएंगे। 20 फरवरी तक आम जन द्वारा दिए गए सुझावों पर चर्चा के बाद जिला मूल्यांकन समिति का अंतिम अनुमोदन लिया जाएगा। 28 फरवरी तक समिति द्वारा अनुमोदित गाइडलाइन को केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के पास भेजा जाएगा। 31 मार्च तक केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड से अनुमोदन मिलने के बाद संपदा पर गाइडलाइन का अंतिम प्रकाशन होगा।
यह ध्यान में रखकर जारी होगी गाइडलाइन
समितियों तक भेजने के लिए भी संपदा से ही रिपोर्ट निकाली जाएगी। जिला स्तर पर गाइडलाइन की दरों का प्रारंभिक प्रकाशन भी संपदा के माध्यम से होगा। दरों की एंट्री करते समय मूल्य सूचकांक तथा नगर या ग्राम में प्रस्तावित विकास को ध्यान में रखा जाएगा। दरों का निर्धारण वास्तविक और प्रचलित के अनुरूप ही होगा। लोकेशनों की दरें निर्धारित करने और नई लोकेशन या कालोनी को जोडऩे से पहले जरूरी अनुमतियां और दस्तावेज अनिवार्य रूप से रखने पड़ेंगे।
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