उज्जैन। मलेरिया के दो नए मामले सामने आने के बाद मलेरिया विभाग ने करीब एक महीने बाद पूरे जिले के जलाशयों में डेढ़ लाख के लगभग गंबूशिया मछली छोडऩे की तैयारी की है। मछली की यह प्रजाति पानी में पनपने वाले मलेरिया के लार्वा को खा जाती है।
उल्लेखीय है कि इस साल जनवरी से लेकर 15 जून तक उज्जैन जिले में 1 लाख 8 हजार से ज्यादा मलेरिया के सेम्पलों की जाँच हुई थी। 15 जून तक जिले में मलेरिया का एक भी केस साढ़े 5 महीने में नहीं आया था लेकिन पिछले हफ्ते जिले में मलेरिया के दो मरीज मिले। इसमें एक तराना का किशोर तथा दूसरी उज्जैन शहर की छात्रा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अविनाश शर्मा ने बताया कि बरसात से पहले जून महीने की शुरुआत में ही पूरे जिले में मलेरिया के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रचार-प्रसार के लिए पूरे जिले में विभाग के रथ वाहन घूम रहे हैं। इनके जरिये लोगों को मलेरिया से बचने, उसके कारण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उज्जैन जिले को 2030 तक मलेरिया समाप्त करने का लक्ष्य दिया है लेकिन पिछले 5 सालों में उज्जैन में लगातार मलेरिया का संक्रमण घट रहा है। गत वर्ष पूरे साल में 8 केस आए थे। पिछले वर्ष अगस्त, सितम्बर के महीने में पूरे जिले में जल जमाव वाले स्थानों पर 1 लाख 44 हजार गंबूशिया मछली छोड़ी गई थी इस बार भी अगस्त महीने से इसकी शुरुआत की जाएगी और डेढ़ लाख मछलियाँ मलेरिया विभाग द्वारा छोड़ी जाएगी।
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