भोपाल। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश और देश में भी नवरात्रि के स्वागत की तैयारियां जोरो पर हैं। शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रहे है। पंडितों के मुताबिक इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, इसलिए नवरात्रि में पूजा-पाठ श्रेष्ठ परिणाम देगा। वहीं हाथी पर ही उनकी विदाई होगी। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के अनुसार, आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्रि प्रारंभ होगा। शुक्र बुधादित्य योग में नवरात्रि आरंभ होंगी। बृहस्पति का केंद्र योग भी बन रहा है।
गृहस्थों के लिए धन प्राप्ति का अवसर
आपको बता दें कि जिस दिन से नवरात्रि प्रारंभ होता है, उसी दिन माता अपने वाहन पर सवार होकर आती हैं। इस बार माता रानी हाथी पर सवार होकर आ रही हैं और विदाई भी हाथी पर ही लेंगी। माता अपने भक्तों को एक विशेष संकेत भी देती हैं। 26 सितंबर सोमवार को हस्त नक्षत्र, शुक्ल योग, किंस्तुघ्न करण, कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में नवरात्रि रहेगी। साथ ही योग विशेष के साथ इस बार माता रानी संतान को शिक्षा और गृहस्थों के लिए धन की प्राप्ति का विशेष अवसर प्रदान कर रही हैं।
इनके लिए मां सरस्वती रहेंगी विशेष फलदायक
जिन गृहस्थों को धन की कमी महसूस होती हो, उन्हें माता लक्ष्मी की उपासना में कनकधारा स्रोत लक्ष्मी स्रोत श्रीसूक्त के पाठ से उपासना करनी चाहिए। बच्चों में शिक्षा का विशिष्ट अनुक्रम स्थापित ना हो पाता हो, तो उनके लिए माता सरस्वती की साधना विशेष फलदायक रहेगी।
कलश स्थापना का शुभकारी समय
कलश स्थापन सोमवार को प्रतिपदा तिथि का आरम्भ सूर्योदय से लगभग ढाई घंटे पहले ही हो जाएगा। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और शुक्ल योग में सूर्योदय होगा। सुबह 07 बजकर 03 बजे के बाद हस्त नक्षत्र लगेगा। कलश स्थापना के लिए उत्तरा फाल्गुनी और हस्त दोनों ही नक्षत्र अति उत्तम माने गए हैं। इस प्रकार सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर दोपहर बाद तक कलश स्थापना का शुभकारी समय होगा।
चार अक्टूबर को नवमीं
शारदीय नवरात्रि इस वर्ष पूरे नौ दिन की हैं। महा पुण्यदायिनी अष्टमी तिथि सोमवार तीन अक्टूबर को है। इस दिन माता के महागौरी रूप की पूजा की जाती है। मंगलवार 04 अक्टूबर को दिन के 01 बजकर 32 मिनट तक नवमीं रहेगी। इसमें हवन आदि सम्पन्न होंगे। उसके बाद दशमीं शुरू हो जाएगी।
सात दिन रहेंगे अति शुभ
इस वर्ष नवरात्रि के नौ दिन में से सात दिन अत्यंत शुभ और कल्याणकारी रहेंगे। वार तथा नक्षत्र के विशेष संयोजन से कुल 28 प्रकार के योग निर्मित होते हैं। ये अति बलवान योग सोमवार से आरम्भ होने वाली नवरात्रि के दूसरे दिन से शुरू हो रहे हैं। इनमें से कतिपय खास योग अति बलवान होते हैं और उनमें किए गए कार्यों में सफलता, समृद्धि आदि की वर्षा होती है।
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