लंदन। ब्रिटिश सेना में फिजियोथेरेपिस्ट, पोलर प्रीत नाम से मशहूर, कैप्टन हरप्रीत चांडी (33) इस बार अंटार्कटिक में रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार हैं। इससे पहले वह दक्षिणी धुव्र की चढ़ाई अकेले और बिना किसी मदद के पूरी करने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनी थीं। उपलब्धियों के लिए हरप्रीत को हाल ही में सैन्य और नागरिक श्रेणी में एशियन अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
हरप्रीत बताती हैं, ‘मेरा लक्ष्य खून जमाने वाले, शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान में, 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने वाली बर्फीली हवाओं से जूझते हुए अंटार्कटिक का एक हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर अकेले और बिना किसी मदद के पूरा करना है। किट रखने के लिए मेरे पास एक स्लेज होगी। इस पूरे सफर में करीब 75 दिन लगने की संभावना है।’
इसे पूरा करने के बाद वह इस उपमहाद्वीप को अकेले और बिना किसी मदद के पार करने वाली पहली महिला बन जाएंगी। उनका नया साहसिक सफर इस महीने के अंत में शुरू होगा। हरप्रीत ने अंटार्कटिक पार करने का सपना तीन साल पहले देखना शुरू किया था, लेकिन इसके लिए आवेदन नहीं किया था, क्योंकि वह पहले अनुभव लेना चाहती थीं।
निरस्त कर दिया गया था आवेदन
एक साल तक नॉर्वे और ग्रीनलैंड में अभियानों का प्रशिक्षण लेने के बाद हरप्रीत ने अंटार्कटिक लॉजिस्टिक्स एवं एक्सपीडिशंस के पास आवेदन किया। कुछ सप्ताह बाद उन्हें ई-मेल पर आवेदन खारिज होने की सूचना मिली। इसमें कहा गया था कि वह पर्याप्त अनुभवी नहीं है। इससे वह निराश हो गईं, लेकिन हिम्मत हारने के बजाय दक्षिणी ध्रुव की 1126.54 किलोमीटर की यात्रा अकेले पूरी की। इस साल उनका आवेदन स्वीकृत कर दिया गया।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved