भोपाल। 12वीं बोर्ड से लेकर जेईई व नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदेश को सितारे देने वाले सुपर-100 में इस सत्र में प्रवेश नहीं हो पाए हैं। इसका कारण यह है कि इस बार 10वीं बोर्ड का परिणाम देर से घोषित हुआ है। कोरोना संक्रमण के कारण सुपर-100 में प्रवेश के लिए स्कूल शिक्षा विभाग परीक्षा नहीं कराएगा, बल्कि मेरिट के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा।
सुपर-100 के 306 सीटों के लिए दसवीं के राज्यस्तरीय मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को पहले प्रवेश मिलेगा। हालांकि, विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी होने में देर होने से प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले होनहार विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं।
कई साल से लगातार सुपर-100 में पढऩे वाले विद्यार्थियों का डंका न सिर्फ बारहवीं बोर्ड परीक्षा के मेरिट में बजता है, बल्कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रदेश में भोपाल के शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय और इंदौर के शासकीय मल्हार आश्रम विद्यालय में सुपर-100 की कक्षाएं चलती हैं। हर साल इसमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थी चुने जाते हैं। ज्यादातर विद्यार्थी ऐसे इलाकों के होते हैं, जिन्हें दसवीं तक स्कूलों में बुनियादी शिक्षा तक नहीं मिल पाती। 12वीं के मेरिट में सुपर-100 के विद्यार्थी शामिल इस बार उत्कृष्ट विद्यालय के 3 और मल्हार आश्रम स्कूल से सुपर-100 के 8 विद्यार्थी बारहवीं की मेरिट में आए थे। हर साल स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ही सुपर-100 की परीक्षा भी हो जाती थी, इस साल देरी हुई है। दसवीं में टॉप करने वाले छात्र-छात्राएं बार-बार स्कूलों में पहुंचकर इसकी जानकारी लेने की कोशिश कर रहे है। तीन संकाय में 51-51 सीट राजधानी के सुभाष शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय और इंदौर के मल्हार आश्रम स्कूल में संचालित सुपर-100 में कॉमर्स, मैथ्स और बायोलॉजी तीनों संकाय की जेईई, नीट और सीपीटी परीक्षा के लिए निशुल्क कोचिंग दी जाती है। हर संकाय में 51-51 सीट है।
विद्यार्थियों को आवासीय व्यवस्था भी निशुल्क दी जाती है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved