छिंदवाड़ा (Chhindwara)। लोकसभा चुनावों (Lok Sabha elections 2024) को लेकर वैसे तो हर पार्टी, हर नेता और हर सीट के बारे में विस्तार से चर्चा हो रही है. चुनावों में हर पल बदलती तस्वीर को वेबसाइट पर दिखाया जा रहा है. लेकिन इन सब से इतर एक वोटर के मन में क्या चल रहा है, क्षेत्र विशेष के मतदाता अपने नेता के बारे में क्या सोचते हैं।
मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पूरे राज्य में कांग्रेस की इकलौती सीट है. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की परंपरागत सीट है. कमलनाथ के परिवार का इस सीट पर लंबे समय से कब्जा है. इस समय यहां कमलनाथ के बेटे नुकुलनाथ सांसद हैं और दूसरी बार भी कांग्रेस की तरफ से ताल ठोक रहे हैं. नुकुलनाथ के सामने बहुजन समाज पार्टी से उमाकांत बंदेवार और भारतीय जनता पार्टी से बंटी विवेक साहू मैदान में हैं. इस तरह यहां कुल 15 प्रत्याशी मैदान में हैं.
यहां एक व्यक्ति कहते हैं- छिंदवाड़ा में तो नकुलनाथ ही जीतेंगे क्योंकि कमलनाथ ने जो विकास के काम किए हैं. उनसे यहां का हर आदमी खुश है. नई वोटर आयशा नाम की लड़की कहती है कि छिंदवाड़ा से कमलनाथ आते हैं. निश्चित ही यहां बहुत काम हुआ है, लेकिन बीजेपी की कोशिश कामयाब हो सकती है क्योंकि नरेंद्र मोदी और मोदी सरकार उन्हें अच्छी लगती है.
चाय की दुकान वाला कह रहा है कि छिंदवाड़ा में मामला फंसा लग रहा है. जबकि कुछ मतदाताओं ने इस पर चुप्पी साध ली. एक व्यक्ति ने कहा कि मामला बंटी साहू बीजेपी की तरफ जाते दिख रहा है. लहर तो बीजेपी की चल रही है. देखो, अब जनता क्या करती है.
एक युवा ने बताया कि माहौल तो बीजेपी की ही है. बीते दस साल में प्रधानमंत्री ने जो काम किए हैं, राम मंदिर लोगों के फायदे के लिए बनवाया है. मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी की होप है. चाट का दुकानदार बीजेपी के माहौल की बात कर रहा है. अब की बार चार सौ पार की उम्मीद है. इस बार छिंदवाड़ा में बीजेपी मज़बूत लग रही है.
कांग्रेस का मजबूत किला है छिंदवाड़ा
पूरे मध्य प्रदेश में लंबे समय से केसरिया लहरा रहा है, लेकिन छिंडवाड़ा एक ऐसी जगह है जहां बीजेपी हर कोशिश करके देख चुकी है. वह कमलनाथ के इस पारंपरिक गढ़ में सेंध नहीं लगा पाई है. जब से छिंडवाड़ा लोकसभा सीट अस्तित्व में आई है, सिर्फ एक साल को छोड़कर हमेशा कांग्रेस का कब्जा रहा है. 1997 में यहां से बीजेपी के सुंदर लाल पटवा जीते थे. लेकिन एक साल बाद ही यह सीट फिर कांग्रेस की मुट्ठी में आ गई. खुद कमलनाथ का परिवार यहां 11 बार सांसद रह चुका है. 9 बार कमलनाथ, एक बार कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ और अब वर्तमान में कमलनाथ के बेटे नुकुलनाथ सांसद हैं.
बीजेपी दे रही है कड़ी टक्कर
छिंडवाड़ा लोकसभा सीट के अंदर 7 विधानसभा सीट आती हैं, इनमें सिर्फ एक पर बीजेपी और शेष 6 पर कांग्रेस के विधायक हैं. हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी नत्थन शाह ने नुकुलनाथ को कड़ी टक्कर दी थी. नुकुलनाथ को 5.47 लाख वोट मिले थे और नत्थन शाह को 5.09 लाख वोट मिले. यानी नुकुलनाथ की जीत का अंतर महज 37,536 था.
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