भोपाल। एनजीटी के निर्देश पर शासन स्तर से रेत खदानों का निजी एजेंसी से सर्वे कराया गया है। नर्मदापुरम संभाग सहित प्रदेश के अन्य खदान वाले जिलों में सर्वेक्षण का काम जारी है। इसमें वर्तमान में पुरानी खदानों के साथ ही नई खदानों की संभावनाएं, रेत की उपलब्धता, रकबा आदि बिंदु शामिल किए गए हैं। खदानों के सर्वे के बाद डीएसआर तैयार की जाएगी। विभागीय जानकारी के मुताबिक नर्मदापुरम जिले में हुए सर्वे की जानकारी शासन को भेजी जा रही है। सर्वेक्षण में कुल 118 रेत की खदानों सहित बाकी की 16 प्राइवेट मुरम-भसुआ, पत्थर आदि की खदानें (खनन पट्टे) शामिल है। खदानों के रकबे में अभी बढ़ोतरी नहीं हुई है। घोषित खदानों का ही सर्वे कराया जा रहा है।
इस बार अच्छी आई रेत
विभागीय सूत्रों की मानें तो बारिश के बाद से जिले के नर्मदा एवं तवा नदी में अच्छी मात्रा में रेत आई है। कई स्थानों के तटों में दोनों तरफ रेत की कई किमी एरिया में सुनहरी रेत जमी हुई है। मात्रा बढऩे से रेत व्यवसाय में भी इजाफा होने की संभावनाएं है। क्योंकि बीते सालों में कई खदानों में रेत ही नहीं बची थी। पिछली ठेका कंपनी 118 वैध खदानों में आधी से अधिक में खनन-परिवहन ही नहीं कर पाई थी। इस बार के सीजन में रेत राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
2 मार्च के कोर्ट निर्णय का इंतजार
जबलपुर हाईकोर्ट में ठेका कंपनी की तरफ से लगाई गई याचिका के संबंध में 2 मार्च को होने वाले अंतिम निर्णय पर शासन की नजर है। इसके बाद ही तय होगा कि एकमुश्त ठेका वर्तमान की ठेका कंपनी फिर से चलाएगी या फिर नए ठेके समूह में दिए जाएंगे। बकाया राशि जमा नहीं होने पर ठेका बीते माहों में निरस्त कर दिया गया था। बता दें कि खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने बीते माह होशंगाबाद दौरे के दौरान समूहों में ठेके दिए जाने की बात कही थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved