उज्जैन। सावन मास में हजारों की तादात में कावड़ यात्रियों के आने की संभावनाओ को देखते हुए तथा कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी को मद्देनजर रखते हुए ओंकारेश्वर की तरह उज्जैन जिले में भी कावड़ यात्रियों के प्रवेश को जिला प्रशासन ने प्रतिबंधित कर दिया है। इसके लिए प्रभारी कलेक्टर ने धारा 144 के तहत आदेश भी जारी कर दिए है। गुरुपूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का जमघट लगने की संभावना से प्रशासन अलर्ट हो गया है। भीड़ के कारण कोरोना न फैल जाए, यह डर सता रहा है। 23-24 जुलाई को ओंकारेश्वर मंदिर क्षेत्र पूरी तरह सील रहेगा। शिवकोठी से ही प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
उल्लेखनीय है कि गुरुपूर्णिमा का उत्सव 23 व 24 जुलाई को मनेगा। इसके साथ ही शिव भक्ति का सावन माह 25 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इस दौरान ओंकारेश्वर से लेकर उज्जैन में महाकाल दर्शन के लिए महाराष्ट्र, नागपुर , गुजरात, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और बिहार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। उज्जैन के महाकाल मंदिर, मंगलनाथ मंदिर समेत शिप्रा के घाटों और अन्य मंदिरों के साथ-साथ खंडवा में धूनी वाले दादाजी के मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। जिला प्रशासन ने खंडवा शहर में बाहरी लोगों के आने पर दो पहले ही रोक लगा दी थी। वहां के एसडीएम ने ओंकारेश्वर में भी दो दिन 23 और 24 जुलाई को सीमाएं सील करने के आदेश जारी कर दिए थे। ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रोका जा सके। इसी तरह बुधवार को प्रभारी कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने धारा 144 के तहत आदेश जारी कर उज्जैन जिले की राजस्व सीमाओं में श्रावण मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है । साथ ही सभी धार्मिक आयोजनों में निर्धारित संख्या से अधिक संख्या में आमजन का एकत्रित होना भी प्रतिबंधित कर दिया है । उल्लेखनीय है कि महाकाल मंदिर में भी दर्शनार्थियों व श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने की संभावना है। हर साल हजारों कावड़ यात्री और लाखों श्रद्धालु सावन में महाकाल आते हैं। इसी के चलते यह निर्णय लिया गया है ताकि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को रोका जा सकें। इसके अलावा मंगलनाथ मंदिर मार्ग स्थित महर्षि सांदीपनि आश्रम में देशभर के श्रद्धालु गुरु पूर्णिमा पर आते हैं।
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