- राजस्व हासिल करने में उज्जैन जिला प्रथम रहा
- गत वर्ष सितम्बर अंत तक 16 हजार 884 रजिस्ट्रियाँ हुई थी-इस बार 23 हजार 188 तक पहुँच गई
उज्जैन। गत वर्ष के मुकाबले इस साल रजिस्ट्रार विभाग में सितम्बर महीने के अंत तक 33 प्रतिशत अधिक रजिस्ट्रियाँ लोगों ने करवाई है। पिछले साल के मुकाबले इस समय तक विभाग में 6 हजार 304 अतिरिक्त रजिस्ट्रियाँ की है। इससे विभाग को 131.17 करोड़ का राजस्व मिला है। यह आंकड़ा पिछली बार की कमाई से 48.33 प्रतिशत ज्यादा है। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग शासन के अधिकतम राजस्व प्राप्त करने वाले प्रमुख विभागों में से एक है। शासन द्वारा उज्जैन जिले के लिये रजिस्ट्रार विभाग को वर्ष 2021-22 में सितम्बर 2021 तक 89.54 करोड़ रुपये का राजस्व रजिस्ट्री द्वारा प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसके मुकाबले विभाग द्वारा सितम्बर 2021 तक 131.17 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त कर लिया गया है जो लक्ष्य से 41.63 करोड़ रुपए अधिक है जो पिछले साल 2020-21 की अभी तक की प्राप्ति का 48.33 प्रतिशत अधिक है।
गत वर्ष इसी अवधि में 88.43 करोड़ रुपये रजिस्ट्री से प्राप्त हुए थे जो वर्ष 2019-20 के सितम्बर माह तक प्राप्त आय के मुकाबले 33 प्रतिशत अधिक है। अभी तक उज्जैन जिले में कुल वार्षिक लक्ष्य का 56 प्रतिशत प्राप्त कर लिया गया है। जिला पंजीयक ऋतुंभरा द्विवेदी ने बताया कि दस्तावेजों में वृद्धि जारी है। विगत वर्ष इसी अवधि में 16884 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था। जबकि इस वित्तीय वर्ष में 23188 दस्तावेज पंजीकृत हुए हैं, जो कि गत वर्ष से 6304 दस्तावेज अधिक हैं। वर्ष 2019-20 एक सामान्य वर्ष था, किन्तु इस वर्ष 2021-22 में कोविड-19 की द्वितीय लहर के बावजूद आम जनता में अचल सम्पत्ति के अन्तरण के प्रति उत्साह के फलस्वरूप अधिक दस्तावेजों के पंजीयन होने से राजस्व में वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि पंजीयन शुल्क में केवल महिला क्रेता होने की स्थिति में दो प्रतिशत की छूट दिये जाने से भी राजस्व में वृद्धि हुई है। उज्जैन जिला इस समय ग्रोथ की दृष्टि से ए श्रेणी के जिलों में प्रथम स्थान पर है।