29 झुग्गी बस्तियों को ग्रीन स्लम के रूप में करेंगे विकसित, 300 बैकलेन की कायापलट भी
इंदौर। स्वच्छता के लिए 121 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 9 करोड़ ज्यादा है। 29 झुग्गी बस्तियों को ग्रीन स्लम के रूप में विकसित करने के साथ 300 बैकलाइनों (300 back line) की कायापलट भी की गई। हर वार्ड में ऐसी 5 बैकलेन ली गई है। इस बार सातवीं मर्तबा निगम को सफाई में नम्बर वन बनाने का लक्ष्य भी तय किया गया है।
नगर निगम को इंदौर (Indore Nagar Nigam) को स्वच्छता में नम्बर वन बनाए रखने के लिए जहांं भरपूर साधन-संसाधन के साथ राशि भी खर्च करना पड़ती है। सडक़, फुटपाथ, चौराहों पर हरित क्षेत्र को बढ़ावा देने, दीवारों पर मनोहर चित्रकारी के साथ 6 जीरो वेस्ट वार्ड भी विकसित किए जाएंगे। कबीटखेड़ी पर स्लज हाईजेनेशन प्लांट 100 टन क्षमता का विकसित होगा। वहीं 579 करोड़ की राशि का प्रावधान सीवरेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए रखा गया है। अमृत-2.0 योजना के तहत सीवरेज और तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए 572 करोड़ की राशि भी अलग से खर्च की जाएगी। कान्ह नदी शुद्धिकरण के लिए 150 करोड़ रुपए की लागत से नए एचटीपी प्लांट भी स्थापित होंगे और 30 करोड़ शौचालयों के निर्माण पर खर्च होंगे। 217 करोड़ नई लाइनें बिछाने और कुएं-बावडिय़ों के जीर्णोद्धार के लिए भी पर्याप्त बजट राशि रखी गई है।
बड़ी खबर…400 कवर्ड कॉलोनियों के बिजली बिल निगम भरेगा
महापौर पुष्यमित्र भार्गव के मुताबिक निगम सीमा में शामिल 400 वैध गेटेड कॉलोनियां जो कि कवर्ड भी हैं, वहां पर स्ट्रीट लाइट के बिजली बिल को अब नगर निगम वहन करेगा। लेकिन शर्त यह रही कि ऐसी कॉलोनियों में लगभग 90 फीसदी तक सम्पत्ति कर वहां के रहवासियों द्वारा जमा किया जाना चाहिए। इसके लिए निगम स्ट्रीट लाइट के अलग से बिजली कनेक्शन लेना और उसका बिल भरेगा और उसका रख-रखाव उन कॉलोनियों के रहवासी संघों द्वारा ही किया जाएगा।
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