राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर की महिमा दूसरे सभी शिव मंदिरों से बिल्कुल अलग है। मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर चंबल के बीहड़ों के लिए प्रसिद्ध इलाके में स्थित अचलेश्वर(Achaleshwar) महादेव मंदिर को भगवान शंकर (Lord Shankar) के अनूठे शिवलिंग के चलते काफी चर्चा मिल रही है। मान्यता है कि यह देश का इकलौता शिवलिंग है, जो पूरे दिन में खुद से तीन बार रंग बदलता है।
सुबह के समय इसका रंग लाल होता है तो दोपहर में केसरिया हो जाता है, इसके बाद दिन ढलते-ढलते शिवलिंग (Shivling) का रंग सांवला और रात तक काला होता जाता है। अब तक कोई भी इस रहस्य की वजह नहीं जान सका है, लेकिन आस्था है कि यह शिवजी की कृपा से ही संभव है।
शिवलिंग का अंतिम सिरा या जड़ लापता
समय के साथ जब मंदिर की प्रसिद्धि फैली तो बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे। भगवान अचलेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं सावन के महीने में यहां बड़ी संख्या में लोग मन्नत मांगने के लिए आते हैं। इस दौरान यहां वृहद मेले का भी आयोजन होता आया है लेकिन महामारी के समय में फिलहाल इस पर रोक है फिर भी सावन के महीने में बड़ी संख्या में श्रद्धालु देखे जा सकते हैं। शिवलिंग के अनूठेपन के चलते इस मंदिर की प्रसिद्धि तेजी से फैलती जा रही है।
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