नई दिल्ली: डोनाल्ड ट्रंप (donald trump) ने ऑटो सेक्टर पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. इस बीच, टाटा की कंपनी ने अमेरिका में अपनी गाड़ी को नहीं भेजने का फैसला किया है. टाटा मोटर्स (Tata Motors) की सब्सिडियरी ने जागुआर लैंड रोवर ने ऐसा फैसला लिया है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जगुआर लैंड रोवर (Jaguar Land Rover) ने ब्रिटेन में बनी गाड़ियों के एक्सपोर्ट को अमेरिका भेजने से रोक दिया है.
ब्रिटेन की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी का यह फैसला सोमवार से प्रभावी होगा. अमेरिकी सरकार द्वारा ऑटो सेक्टर पर लगाया गया 25 प्रतिशत का टैरिफ गुरुवार से लागू होगा. Tata Motors के मालिकाना हक वाली इस कंपनी का ये फैसला ट्रंप के टैरिफ से बचने के तरीके के तौर पर देखा जा रहा है. जगुआर लैंड रोवर ब्रिटेन में 38000 लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी है.
ईटी की रिपोर्ट का दावा है कि JLR के पास अमेरिका में पहले से ही कारों की दो महीने की आपूर्ति है, जिन पर नए टैरिफ (New Tariff) लागू नहीं हुए हैं. ऐसे में इस कंपनी ने काफी सोच-समझकर फैसला लिया है. अटलांटिक से अमेरिका वाहनों को भेजने में 21 दिन का वक्त लगता है. ऐसे में अभी एक्सपोर्ट नहीं करने का फैसला कंपनी की रणनीति की ओर सोचने पर मजबूर भी करता है.
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान भी जारी किया है. कंपनी ने ग्लोबल अपील की है और कहा है कि हमारा बिजनेस किसी एक पर निर्भर नहीं है. ऐसे मार्केट की बदलती स्थिति के हम आदी हैं. जगुआर लैंड रोवर ने आगे कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि दुनिया भर में फैले हमारे कस्टमर्स को वाहन पहुंचाई जाएं.
मार्च 2024 से बीते 12 महीने में जागुआर लैंड रोवर ने 4,30,000 गाड़ियों को बेच चुका है. इसमें से एक चौथाई की बिक्री नॉर्थ अमेरिका में की गई है. कंपनी ने बताया कि दिसंबर में उनका प्रॉफिट 17 फीसदी तक गिर चुका है. इसे टाटा की ओर से 2008 में खरीदा गया था. सोमवार को टाटा मोटर्स के शेयरों पर असर दिख सकता है. शुक्रवार को टाटा मोटर्स के शेयर (Tata Motors Share) 6 फीसदी गिरकर 615.10 रुपये पर आ गए. इसके 52 सप्ताह का हाई लेवल 1,179 रुपये है और 52 सप्ताह का निचला स्तर 606 रुपये है.
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