नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के लिए सियासी बिगुल बज गया है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नजर इस बार जीत की हैट्रिक लगाने पर है. वहीं, विपक्षी दल बीजेपी के विजयरथ पर ब्रेक लगाने में जुटे हैं. इसके लिए विपक्ष ने इंडिया अलायंस का गठन भी किया है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने इस बार एनडीए के लिए 400 सीट जीतने का टारगेट रखा है.
लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी पूरी कोशिश कर रही है. हिंदी पट्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद अब बीजेपी की नजर साउथ पर है. माना जा रहा है कि अगर बीजेपी 400 सीट के लक्ष्य तक पहुंचना चाहती है तो उसे दक्षिण भारतीय राज्यों में शानदार प्रदर्शन करना होगा. यह ही कारण है कि पीएम मोदी से लेकर अमित शाह तक बीजेपी के दिग्गज नेता दक्षिण भारतीय राज्यों में रैलियां कर रहे हैं और अपनी पकड़ बनाने में लगे हैं.
कर्नाटक में बदल गई परिस्थितियां
दक्षिण भारत के 5 राज्यों में केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु ऐसे सूबे हैं, जहां बीजेपी का कोई जनाधार नहीं है. पिछली बार इन तीनों राज्यों में बीजेपी का खाता नहीं खुल सका था. दक्षिण भारत में कर्नाटक एकलौता ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी एक बड़ी राजनीति ताकत बनकर उभरी. हालांकि, इस बार यहां भी परिस्थितियां बदल चुकी हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस को बढ़त
इस बीच लोक पोल ने कर्नाटक का सर्वे किया है. इस सर्वे में बीजेपी को झटका लगता नजर आ रहा है. सर्वे के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 10 से 12 सीट मिल सकती हैं. वहीं, कांग्रेस इस बार 12 से 14 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. वहीं जेडीएस के खाते में 1-2 सीट जाने की संभावना है.
पिछले चुनाव में बीजेपी ने किया था क्लीन स्वीप
पिछले चुनाव में यहां बीजेपी ने बेहद शानदार प्रदर्शन किया था. 28 लोकसभा सीट वाले कर्नाटक में बीजेपी 2019 में एनडीए ने 26 सीट जीतीं थी. यहां बीजेपी ने अकेले 25 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, कांग्रेस ने और जेडीएस महज 1-1 सीट पर सिमट कर रह गई थीं.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved