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झुलसा देगी इस बार की गर्मी, मार्च में ही दिल्ली का रिकॉर्ड टूटा, 40 डिग्री के पार पहुंचा तापमान

  • March 27, 2025

    नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में मार्च में ही अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) रिकॉर्ड बना रहा है. दिल्ली में कल तापमान 40 डिग्री पार कर गया. वहीं यमुना के किनारे वाले इलाकों में तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड दर्ज किया गया. इससे पहले मार्च 2022 में यह 39.6 डिग्री पहुंचा था. यानी बुधवार का तापमान तीन साल बाद सबसे ज्यादा रहा. पीतमपुरा दिल्ली का सबसे गर्म इलाका रहा. यहां का तापमान 40.6 डिग्री रहा, जबकि यमुना के किनारे वाले इलाकों में तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ.

    दिल्ली में बुधवार इस मौसम का अब तक का सबसे गर्म दिन रहा. दिल्ली में कल अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मार्च में ही तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है, जो दिल्ली वासियों के लिए चिंता का विषय है. मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से इधर दो दिन तापमान ठीक होगा, लेकिन फिर बढ़ना शुरू हो जाएगा.

    भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में लू चलने की संभावना जताई है. बुधवार को तापमान 40 के पार चला गया, लेकिन मौसम विभाग तकनीकी तौर पर इसे हीटवेव में नहीं मान रहा है. मौसम विभाग का कहना है कि अगर दो दिन तक लगातार तापमान 40 के पार रहता तो हीटवेव चल सकती है. तकनीकी तौर पर भले ही मौसम विभाग हीटवेव न मान रहा हो, लेकिन हकीकत ये है कि दिल्ली वालों ने बुधवार को गर्म हवा के थपेड़े झेले हैं.


    भारत में अगले दशक में 13-15 करोड़ नए रूम एयर कंडीशनर (एसी) जुड़ने की उम्मीद है, जिससे वर्ष 2035 तक देश की अधिकतम बिजली की मांग 180 गीगावाट (जीडब्ल्यू) से अधिक बढ़ सकती है और इससे बिजली प्रणाली पर दबाव पड़ेगा. बुधवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है. बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (यूसी) में भारत ऊर्जा और जलवायु केंद्र (आईईसीसी) द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि सबसे तेजी से विकसित हो रही यह प्रमुख अर्थव्यवस्था अगले 10 वर्षों में रूम एसी की ऊर्जा दक्षता को दोगुना करके गंभीर बिजली की कमी से बच सकती है और उपभोक्ताओं के 2.2 लाख करोड़ रुपए (26 अरब डॉलर) तक बचा सकती है.

    अध्ययन में कहा गया है कि भारत सालाना 1-1.5 करोड़ नए एसी जोड़ता है. नीतिगत हस्तक्षेप के बिना, अकेले एसी वर्ष 2030 तक 120 गीगावाट और वर्ष 2035 तक 180 गीगावाट बिजली की अधिकतम मांग को बढ़ा सकते हैं, जो अनुमानित कुल मांग का लगभग 30 प्रतिशत है. अध्ययन के प्रमुख लेखक और यूसी बर्कले के फैकल्टी निकित अभ्यंकर ने कहा, यह वृद्धि भारत की बिजली आपूर्ति से आगे निकल रही है और वर्ष 2026 की शुरुआत में ही बिजली की गंभीर कमी हो सकती है.

    पिछले साल भारत में अधिकतम बिजली की मांग 30 मई को 250 गीगावाट को पार कर गई थी, जो अनुमानों से 6.3 प्रतिशत अधिक थी. जलवायु परिवर्तन से प्रेरित गर्मी का तनाव बिजली की मांग को बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में से एक है. भारत की कुल बिजली खपत में घरेलू क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2012-13 में 22 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 25 प्रतिशत हो गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा आर्थिक वृद्धि और बढ़ते तापमान के कारण शीतलन की बढ़ती आवश्यकता के कारण है.

    वर्ष 2024 की गर्मियों में, रिकॉर्ड तोड़ तापमान के बीच कमरे के एयर कंडीशनर की बिक्री में साल-दर-साल 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में चल रहे एक शोध के अनुसार, कुल आबादी के हिसाब से सबसे बड़ी एसी की मांग भारत से आएगी. इसके बाद चीन, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ब्राजील, फिलिपीन और अमेरिका का स्थान आएगा. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को चिट्ठी लिखी है. हीटवेव से होने वाली परेशानियों से निपटने को लेकर ये चिठ्ठी लिखी गई है.

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