नई दिल्ली। इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार (Eknath Shinde Government of Maharashtra) ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। इस साल के आखिर में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले महायुति सरकार का फैसला काफी अहम माना जा रहा है। सरकार के मुताबिक वैदिक काल से गाय को भारतीय संस्कृति में माता कहा जाता है। मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा में अहमियत को देखते हुए फैसला लिया गया है।
पंचगव्य उपचार पद्धति तथा जैविक कृषि प्रणालियों में भी देशी गाय का गोबर एवं गोमूत्र अहम माना जाता है। जिसको देखते हुए देशी गायों को अब ‘राज्यमाता गोमाता’ का दर्जा दिया गया है। सनातन धर्म में गाय की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार गाय माता में सभी देवी-देवता वास करते हैं। पिछले कुछ समय से हिंदू संगठन गाय को राज्यमाता का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने उनकी मांग को मंजूर कर लिया है।
अब फैसले के बाद महाराष्ट्र गाय को राज्यमाता घोषित करने वाला दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले उत्तराखंड में भी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया जा चुका है। उत्तराखंड में 19 सितंबर 2018 को इस संबंध में विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया था। बाद में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेजा गया था। अब महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। महाराष्ट्र सरकार के अनुसार गाय के गोमूत्र और गोबर को पवित्र माना जाता है। गाय का दूध न केवल शारीरिक रूप से लाभकारी माना जाता है, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी इसे अहम माना जाता है। सरकार के नए फैसले से संस्कृति और धर्म को और मजबूती प्रदेश में मिलेगी।
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