जबलपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में दो ज्योतिर्लिंग समेत कई प्राचीन और प्रसिद्ध शिव मंदिर(famous shiva temple) हैं। ऐसा ही एक अद्भुत और चमत्कारी शिव मंदिर (Miraculous Shiva Temple) जबलपुर जिले में स्थित हैं। इस मंदिर के संबंध में कहा जाता है कि वनवास काल के दौरान स्वयं भगवान राम ने इस मंदिर में बालू के शिवलिंग की स्थापना की थी और कुछ वक्त यहीं गुजारा था।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का उपलिंग है गुप्तेश्वर
भगवान राम (lord ram) ने दक्षिण भारत में रामेश्वरम में बालू के शिवलिंग की स्थापना की थी। उसी तरह जब भगवान राम वनवास काल के दौरान उत्तर से दक्षिण की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने जबलपुर में एक गुफा के अंदर गुप्त स्थान पर बालू के शिवलिंग (Shivling) का निर्माण किया और उसकी पूजा की थी। यही वजह है कि गुप्तेश्वर धाम में स्थित शिवलिंग को रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग (Rameshwaram Jyotirlinga) का उपलिंग माना जाता है। ये शिव मंदिर 1890 में अस्तित्व में आया था।
जबालि ऋषि से मिलने पहुंचे थे भगवान राम
एक प्राचीन कथा के अनुसार ये भी कहा जाता है कि जब भगवान राम चित्रकूट(Lord Ram Chitrakoot) में थे तब कई ऋषि-मुनि उनसे मिलने पहुंचे थे। उसी दौरान जबालि ऋषि भी भगवान राम से मिलने के लिए पहुंचे थे। सभा में चर्चा के दौरान जबालि ऋषि ने बीच में बोलने की कोशिश की जिस पर भगवान राम ने उन्हें बीच में न बोलने के लिए कहा। भगवान राम के टोकने पर जबालि ऋषि को अपनी गलती का अहसास हुआ और वे सभा को छोड़कर जबलपुर के लिए निकले और आकर प्रायश्चित करने के लिए ध्यान में बैठ गए। उनके सभा से जाने के बाद जब भगवान राम ने दिव्य दृष्टि से जबालि ऋषि को देखा तो उन्हें जबलपुर की तरफ जाते हुए पाया। कहा जाता है भगवान राम जबालि ऋषि से मिलने के लिए जबलपुर आए थे लेकिन जब उन्होंने ऋषि को ध्यान में देखा तो भगवान राम एक गुप्त स्थान में जाकर शिव आराधना में लीन हो गए। भगवान राम ने उसी दौरान गुफा के भीतर बालू के शिवलिंग का निर्माण किया और कुछ समय इसी गुफा में शिवजी की पूजा की थी।
बड़ी संख्या में आते हैं श्रद्धालु
गुप्तेश्वर धाम में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने और शिवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। सावन के पूरे महीने यहां शिवजी का अलग-अलग रुपों में श्रृंगार किया जाता है।
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