नई दिल्ली। लॉकडाउन और कोरोना के कारण रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वाले लोगों को काफी नुकसान हुआ है। इन लोगों के सामने रोजगार की समस्या आ खड़ी हुई है। ऐसे में इन लोगों की परेशानी को कम करने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 10,000 रुपये तक का कर्ज देने का ऐलान किया था।
अब केंद्र सरकार सरकार ने अपनी इस योजना में एक अहम बदलाव किया है। दरअसल केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसके लिए अनुशंसा पत्र (एलओआर) व्यवस्था की शुरुआत की है। इस व्यवस्था के तहत अब प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ वो लोग भी ले सकेंगे जिनके पास पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इस सुविधा की शुरुआत की और कहा कि पात्र रेहड़ी-पटरी वाले स्थानीय शहरी निकाय अनुशंसा पत्र के लिए अनुरोध कर सकता है। मिश्रा ने कहा कि योजना के तहत एलओआर प्राप्त करने के बाद ठेले वाले दुकानदार कर्ज के लिये आवेदन दे सकते हैं।
सरकार के इस कदम को उठाने का एक मकसद ये भी है कि वो चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इस योजना के लाभ को पहुंचाया जा सके। सरकार ने इस योजना के तहत 50 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस योजना से कर्ज लेने के लिए अभी तक सरकार के पास 4.45 लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं। (एजेंसी, हि.स.)
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