डेस्क। आजकल ज्यादातर लोग एटीएम से कैश विड्रॉल करते हैं. इसके बदले उन्हें एक तय सर्विस चार्ज चुकाना होता है. हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंटरचेंज शुल्क बढ़ाया था, जिससे अब वित्तीय लेनदेन के लिए पहले के मुकाबले ज्यादा शुल्क चुकाना होगा. नया नियम 1 अगस्त, 2021 से लागू होगा.
इसके तहत वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क 15 रुपए से बढ़ाकर 17 रुपए कर दिया गया है, जबकि गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 5 से 6 रुपए तक की वृद्धि की गई है. आरबीआई के अनुसार ग्राहक हर महीने अपने बैंक के एटीएम से पांच मुफ्त लेनदेन के लिए पात्र हैं, जिसमें वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन शामिल हैं। वे अन्य बैंक के एटीएम से भी मुफ्त लेनदेन के लिए पात्र हैं, जिसमें महानगरों में तीन लेनदेन और गैर-महानगरों में पांच लेनदेन शामिल हैं.
क्या है इंटरचेंज शुल्क
इंटरचेंज शुल्क बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान संसाधित करने वाले व्यापारियों से लिया जाने वाला शुल्क है. अगर किसी एक बैंक का ग्राहक किसी अन्य बैंक के एटीएम से अपने कार्ड का इस्तेमाल कर पैसे निकालता है, तो ऐसी स्थिति में जिस बैंक के एटीएम से पैसे निकाले जाते हैं, वह मर्चेंट बैंक हो जाता है.
ग्राहक शुल्क में भी होगी बढ़ोतरी
ग्राहक शुल्क की सीमा वर्तमान में प्रति लेनदेन 20 रुपए है, जिसे 1 जनवरी 2022 से बढ़ाकर 21 रुपए कर दिया जाएगा. बैंकों को उच्च इंटरचेंज शुल्क की भरपाई करने और लागत में सामान्य वृद्धि को देखते हुए आरबीआई ने बैंकों को ग्राहक शुल्क को प्रति लेनदेन बढ़ाने की अनुमति है. यह वृद्धि 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होगी.
ICICI बैंक ने जारी किया नोटिस
आईसीआईसीआई बैंक ने नकद लेनदेन, एटीएम इंटरचेंज और चेकबुक शुल्क की संशोधित सीमा पर नोटिस जारी किया है. संशोधित शुल्क वेतन खातों सहित घरेलू बचत खाताधारकों के लिए 1 अगस्त से लागू होंगे.
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