नई दिल्ली (New Delhi)। इन दिनों हर कोई फिट रहने की पूरी कोशिश में रहता है। फिट रहने के लिए सबसे पहले लोग खानपान में बदलाव करते हैं। फिटनेस (fitness) की राह पर चल रहे ज्यादातर लोग सबसे पहले शक्कर खाना छोड़ते हैं। हालांकि, इसके बदले में वह आर्टिफिशियल स्वीटनर (artificial sweetener) का इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे आपकी सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचता है? जी हां, डब्लयूएचओ ने भी हाल ही में इस मामले में चेतावनी देते हुए कहा है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर के कारण वयस्कों में टाइप -2 डायबिटीज, दिल संबंधी परेशानी और मृत्यू दर बढ़ सकता है।
क्या है डब्लयूएओ की गाइडलाइन्स
रिसर्च के बाद डब्लयूएओ ने नई गाइडलाइन (new guideline) जारी की हैं। जिसमें कहा गया है कि वजन घटाने और बीमारियों से बचे रहने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल बेकार साबित हुआ है। इससे फायदे कि जगह लोगों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके इस्तेमाल से आपका मोटापा और दिल संबंधी परेशानियां बढ़ सकती हैं। रिलीज के मुताबिक नए दिशानिर्देश पहले से मौजूद डायबिटीज वाले व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों के लिए हैं, और इसमें प्री-पैकेज्ड खाने की चीजें और ड्रिंक में चीनी के ऑप्शन के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सिंथेटिक स्वीटनर शामिल हैं। ऐसे में ये नुकसानदायक हो सकते हैं।
….ज्यादा इस्तेमाल मोटापे से जुड़ा
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, आर्टिफिशियल स्वीटनर का ज्यादा इस्तेमाल मोटापे से जुड़ा हुआ है, जो वैश्विक वयस्क आबादी के लगभग 40% और लाखों बच्चों को प्रभावित करता है, और बदले में, डायट से जुड़ी एनसीडी जो दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण हैं।
क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले कुछ सालों में सामने आए नए आंकड़ों के मुताबिक, स्वीटनर्स के कारण होने वाले संभावित नुकसान (कैंसर, हृदय रोग) चिंतित कर देने वाले हैं। इन आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का वास्तव में कोई फायदा नहीं है।
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