नई दिल्ली. इस हफ्ते आकाश(sky) में एक दुर्लभ नजारा देखने को मिलेगा. करीब 1000 साल के बाद हमारे सोलर सिस्टम के चार ग्रह आसमान में परेड करेंगे. दूसरे शब्दों में शनि, मंगल, शुक्र और बृहस्पति (Venus and Jupiter) एक सीध में नजर आएंगे. अगर आसमान साफ रहा तो इन्हें नंगी आंखों से भारत में भी देखा जा सकेगा. सूर्योदय से एक घंटा पहले इस अनोखे नजारे (unique views) का गवाह आप भी बन सकते हैं. खगोल विज्ञानियों (astronomers) के मुताबिक, इससे पहले ऐसा दृश्य 947 AD में दिखा था.
भुवनेश्वर के पठानी सामंता प्लेनेटेरियम के डिप्टी डायरेक्टर शुभेंदु पटनायक ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि अप्रैल 2022 के अंतिम सप्ताह में शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि की आकाश में पूर्व की तरफ एक दुर्लभ और अनोखी परेड होगी. सूर्योदय से लगभग एक घंटे पहले ये आसमान में दिखने लगेंगे. इन ग्रहों की आखिरी ऐसी परेड लगभग 1,000 साल पहले 947 ईस्वी में हुई थी. उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को सूर्योदय (sunrise) से एक घंटा पहले चार ग्रह बृहस्पति, शुक्र, मंगल और शनि के साथ चंद्रमा (moon) पूर्वी क्षितिज से 30 डिग्री के भीतर बिल्कुल सीधी रेखा में दिखाई देगा. इन्हें दूरबीन से या उसके बिना भी देखा जा सकेगा. 30 अप्रैल को सबसे चमकीले ग्रह शुक्र और बृहस्पति एक साथ बहुत करीब दिखेंगे. शुक्र ग्रह बृहस्पति के 0.2 डिग्री दक्षिण में नजर आएगा.
न्यज ऐजेंसी से बातचीत में पटनायक ने बताया कि प्लैनेट परेड (Planet Parade) आमतौर पर तीन तरह की होती है. हालांकि इस दुर्लभ नजारे की कोई वैज्ञानिक परिभाषा नहीं है, लेकिन खगोल विज्ञान में इसका इस्तेमाल उस घटना को दर्शाने के लिए होता है, जब सौर मंडल के ग्रह आकाश के एक ही क्षेत्र में एक लाइन में आते हैं. पहली तरह की प्लेनेट परेड वो होती है, जिसमें तीन ग्रह सूर्य के एक तरफ दिखते हैं. ऐसा नजारा आम होता है और साल में कई बार देखा जा सकता है. इसी तरह, साल में एक बार चार ग्रह एक सीध में आते हैं. हर 19 साल में 5 ग्रह एक लाइन में दिखते हैं. सभी आठ ग्रह 170 साल में एक बार एक सीध में नजर आते हैं.
उन्होंने बताया कि दूसरी तरह की ग्रहों की परेड उसे कहा जाता है, जब कुछ ग्रह एक ही समय में आकाश के एक छोटे से क्षेत्र में दिखाई देते हैं. ऐसी प्लेनेट परेड आखिरी बार 18 अप्रैल 2002 और जुलाई 2020 दिखी थी, जब सौर मंडल के वो सभी ग्रह जो नग्न आंखों से देखे जा सकते हैं, शाम के समय एक पंक्ति में नजर आए थे. पटनायक ने बताया कि तीसरी तरह की प्लेनेट परेड दुर्लभ होती है. अप्रैल के आखिर में आसमान में दिखने वाला नजारा इसी तरह की कैटिगरी में आता है.
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