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    ईरान के हमले से बचने के लिए 20 साल पहले ही बन गया था ये प्लान!

  • August 05, 2024

    तेल अवीव. मध्य पूर्व (Middle East) में तनाव अपने चरम पर है. ईरान और हिजबुल्लाह (Iran and Hezbollah) की धमकियों के बाद इजराइल (Israel) ने किसी भी हमले से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. ईरान के हमले से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Prime Minister Benjamin Netanyahu) और अन्य वरिष्ठ नेताओं को बचाने के लिए जेरुसलम (jerusalem) में एक बंकर तैयार किया गया है. ये बंकर किसी भी विनाशकारी हमले के दौरान अपने अंदर शरण लिए लोगों को सुरक्षित रख सकता है.



    वाल्ला समाचार साइट ने रविवार को बताया कि शिन बेट सुरक्षा एजेंसी ने जानकारी दी है कि जेरुसलेम में एक अंडरग्राउंड बंकर तैयार किया गया है. जिसमें किसी भी खतरे के दौरान लंबे समय तक इजराइल के वरिष्ठ नेताओं को रखा जा सकता है. शिन बेट ने ये जानकारी हिजबुल्लाह और ईरान की ओर से इजराइल पर हमलों के डर के बीच दी है.

    20 साल पहले बना था बंकर
    रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बंकर करीब 20 साल पहले बनाया गया था, जो कई तरह के आधुनिक हथियारों के हमलों को झेल सकता है, इसमें कमांड और नियंत्रण क्षमताएं हैं और यह तेल अवीव में रक्षा मंत्रालय ऑफिस से सीधे जुड़ा हुआ है. इस बंकर को नेशनल मैनेजमेंट सेंटर के नाम से भी जाना जाता है, बता दें कि 10 महीनों से गाजा में जारी जंग के दौरान इसका इस्तेमाल नहीं किया गया है. तनाव के बढ़ने के बाद इसके इस्तेमाल होने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं.

    क्यों बढ़ गया मध्य पूर्व में तनाव?
    लेबनान की राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के सीनियर कमांडर फुवाद शुकर की इजराइली एयर स्ट्राइक में मौत हो गई थी. जिसके कुछ घंटों बाद तेहरान में हमास पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की भी हत्या कर दी गई. हमास और ईरान का मानना है कि हानिया की हत्या इजराइल के हमले में हुई हैं. फुवाद शुकर की मौत के बाद इजराइल ने हमले की जिम्मेदारी ली है, हालांकि हानिया की मौत पर इजराइल ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है.

    अपने नेताओं की मौत के बाद हिजबुल्लाह, हमास और ईरान ने इजराइल से बदला लेने की कसम खाई है. जिसके बाद इजराइल, अमेरिका और दूसरे अलायंस अलर्ट पर हैं.

    हिजबुल्लाह से युद्ध के बाद बना था बंकर
    नेशनल मैनेजमेंट सेंटर 2006 में दूसरे लेबनान युद्ध के बाद अरबों शेकेल की लागत से जेरूसलम हिल्स में बनाया गया था. Ynet की रिपोर्ट के मुताबिक इसकी सही लोकेशन और गहराई अज्ञात है. इसमें सैकड़ों लोग रह सकते हैं और यह सरकार के साथ-साथ दूसरे अहम नागरिक और सिविल बॉडीज की सुरक्षा के लिए है.

    Ynet ने बताया कि जंग में अब तक नेशनल मैनेजमेंट सेंटर की जरूरत नहीं पड़ी है. ईरान और हिजबुल्लाह की धमकी के बाद इसके इस्तेमाल की तैयारी संकेत है कि इजराइल कितनी गंभीरता से इन धमकियों को ले रहा है. खासकर जब अप्रैल में हुए ईरान के हमले को आसानी से नाकाम कर दिया गया था, उस दौरान हुए हमले में ईरान ने इजराइल पर 300 से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन दागे थे.

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