बैतूल। चमत्कार वैसे तो किस्से, कहानियों में ही देखने को मिलते हैं, लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं, जो चमत्कार तो नहीं लेकिन किसी चमत्कार से कम भी नहीं। घर वाले जिस शख्स को 17 साल पहले मरा हुआ समझकर भूल चुके थे। बैतूल पुलिस ने उसे 2021 में जीवित तलाश लिया, शख्स अपना मानसिक संतुलन खो चुका है, लेकिन उसे अपना घर का पता याद था, जिसकी मदद से वह अपने घरवालों से मिल सका।
बदहवासी में भटक रहा था सड़कों पर
बैतूल पुलिस ने मामला उजागर करते हुए बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने करीब 45 साल के एक शख्स को पकड़ा। चक्कर रोड पर मिला यह शख्स अपना मानसिक संतुलन खो चुका था, जो बदहवास हालत में सड़कों पर भटक रहा था। जब उससे घर का पता पूछा गया, तब पता लगा कि वह कटनी जिले का रहने वाला, उसे अपने घर का पता पूरी तरह याद था।
2004 में हुआ था लापता
शख्स द्वारा घर का पता बताने के बाद गांव में संपर्क किया तो पता चला वह साल 2004 से लापता है। पुलिस ने वॉट्सएप के जरिए कटनी जिला पुलिस को शख्स की तस्वीर भेजी और परिजनों के बारे में पता किया गया। परिजनों को संपर्क कर बुलाया गया, शख्स को लेने उसकी बहन कटनी से बैतूल आई, अपने भाई को जीवित देख वह खुशी से झूम उठी।
पल भर में पहचान गए परिजन
शख्स का नाम सुरेश है, बैतूल के चक्कर रोड से भटकते पाए जाने के बाद पुलिस ने उसकी तस्वीर कटनी जिला पुलिस को भेजी। जिले के जोबा गांव में रहने वाले सुरेश के परिजनों ने उसे पल भर में पहचान लिया। बुधवार को सुरेश की बहन अंजु पटेल उसे लेने बैतूल पहुंची। डीएसपी पल्लवी गौर ने बताया कि पीड़ित के परिजन उसे 17 साल पहले ही मरा हुआ समझ कर भूल चुके थे। लेकिन छानबीन में शख्स की सच्चाई पता चली और अब वह अपने परिवार से मिल सका।
ससुराल से झगड़े के बाद बिगड़ा मानसिक संतुलन
बताया गया है कि 2004 में सुरेश अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ रहता था। लेकिन ससुराल वालों से रुपयों के लेन-देन के चलते उसका झगड़ा हो गया। इस घटना के बाद वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा और घर से निकल गया।
घरवालों ने तब भी बहुत ढूंढने का प्रयास किया, लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी सुरेश का पता नहीं चल सका। इधर बैतूल की सड़कों पर गुमनामी के अंधेरे में भटक रहे सुरेश को अपने गांव के सिवा कुछ याद नहीं था। मानसिक संतुलन खराब होने की वजह से अपने घर नहीं जा पा रहा था।
घरवालों ने कई दिनों तक तलाश जारी रखी, लेकिन इतने दिनों तक भी नहीं मिलने के बाद अंत में वे उसे मृत समझ कर भूल गए। आज इतने सालों बाद अपने परिवार के सदस्य को वापस देख परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
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