नई दिल्ली । बिटक्वाइन (Bitcoin) की चोरी और साइबर क्राइम के मुद्दे पर कर्नाटक (Karnataka) की भारतीय जनता पार्टी की सरकार और कांग्रेस आमने सामने हैं. इस सियासी तनाव का बड़ा कारण बने हैकर श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी (Srikrishna Ramesh) ने पूछताछ के दौरान ने कई दावे किए थे. रमेश का कहना था कि साल 2016 में क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज को हैक करने वाले समूह में वह भी शामिल था. उसका कहना था कि कक्षा 4 से ही वह कोडिंग सीख रहा था. कांग्रेस ने मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के जरिए कराने की मांग की है.
श्रीकी को ड्रग पैडलिंग के मामले में कर्नाटक पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) ने 18 नवंबर 2020 को गिरफ्तार किया था. उसने डार्क वेब पर बिटक्वाइन का इस्तेमाल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स की खरीदी की थी. इसके बाद हुई पूछताछ में सीसीबी ने पाया कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर कई साइबर क्राइम में शामिल था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जांच में खुलासा हुआ था कि श्रीकी वेबसाइट को हैक कर उनका डेटा चुराता था.
वेबसाइट हैक करने के बाद वह अनलॉक करने के लिए बिटक्वाइन में भुगतान की मांग करता था. इसके अलावा उसने ‘मिरर’ साइट्स या फर्जी पेमेंट पोर्टल तैयार करने की बात कबूली. वह आम यूजर्स की क्रेडिट या डेबिट कार्ड की जानकारी चुराने के लिए ऐसा करता था. उसने कर्नाटक ई-गवर्नेंस सेंटर के ई-प्रोक्योरमेंट सेल से 11.5 करोड़ रुपये चुराने की बात भी कबूली है.
पूछताछ के दौरान श्रीकी ने 2 अगस्त 2016 में क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज बिटफिनेक्स की हैकिंग का भी जिक्र किया था. उस दौरान हैकर्स ने मिल कर 1 लाख 20 हजार बिटक्वाइन्स चुराए थे, जिनकी कीमत करीब 7.2 करोड़ रुपये थी. पुलिस को दिए बयान में श्रीकृष्ण ने दावा किया है कि उसने 8 साल की उम्र में ही तकनीकी दांव पेंच सीखने शुरू कर दिए थे. हालांकि, बेंगलुरु पुलिस की तरफ से बयान जारी किया गया था, ‘साइबर एक्सपर्ट्स की तरफ से की गई डिजिटल सबूत की जांच से खुलासा हुआ है कि उसके ज्यादातर दावे निराधार हैं.’
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