नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) में राज्य के पुलिस महानिदेशक (जेल) हेमंत लोहिया की उनके निवास पर गला रेतकर हत्या कर दी गई। एक रिपोर्ट के अनुसार इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ (TRF) ने ले ली है।
आपको बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह के दौरे से ठीक पहले जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (जेल ) हेमंत कुमार लोहिया की केचप के बोतल के जरिए हत्या कर दी गई। पहली नजर में उनके घरेलू सहायक जसीर पर पुलिस को शक गया, लेकिन अब द रेजिस्टेंस फोर्स ने इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है जिसके बाद अब यह साफ हो चुका है कि डीजी जेल की हत्या आतंकी वारदात है। अब सवाल यह है कि टीआरएफ का जन्म कब हुआ और उसके कर्ताधर्ता कौन हैं।
विदित हो कि 2019 में जम्मू-कश्मीर से जब अनुच्छेद 370 और 35 ए को हटाया गया तो यह आतंकी संगठन अस्तित्व में आया। सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के मुताबिक लश्कर से तैय्यबा के कोर कमांडर इस संगठन को चलाते हैं जिनका मकसद जम्मू कश्मीर को अशांत रखना है।
अगस्त 2019 में हुए परिवर्तनों की प्रतिक्रिया के रूप में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों को बढ़ाने की योजना थी। ध्यान देने वाली बात यह है कि 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के बाद पहली बार किसी आतंकवादी संगठन को गैर-धार्मिक नाम दिया गया था।
वहीं टीआरएफ का कहना है कि उसके स्पेशल स्क्वॉड ने पुख्ता जानकारी के बाद इस हत्याकांड को अंजाम दिया। यह गृहमंत्री को उनके जम्मू कश्मीर दौरे से पहले छोटा सा तोहफा है। टीआरएफ का कहना है कि फैसला उसके हाथ में है जब चाहे वो फैसला कर सकता है यही नहीं आतंकी वारदात का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। सुरक्षाबलों का कहना है कि शहादत बेकार नहीं जाएगी।
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