कोविड-19 महामारी पिछले डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से दुनिया भर के देशों में गंभीर समस्या बनी हुई है। इस बीच कोरोना(corona) का म्यूटेंट स्वरूप डेल्टा वैरिरंट आया, जिसे अध्ययन में ज्यादा संक्रामक और घातक (infectious and deadly) माना गया। ब्रिटेन में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीज मिले, जिसके बाद इस वैरिएंट की निगरानी और मूल्यांकन किया जा रहा था। अब भारत में इस डेल्टा वैरिएंट के नए स्वरूप यानी म्यूटेंट(mutants) के नए मामले सामने आए हैं, जो डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा घातक हैं। हालांकि इससे संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत कम है।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने ये रिपोर्ट जारी की है कि इंदौर में कोविड-19 संक्रमित डेल्टा वैरिएंट के नए म्यूटेंट के मामले डिटेक्ट हुए हैं, जो डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस सैत्य ने बताया कि उनमें से दो महू छावनी में तैनात सेना के अधिकारी हैं। सैंपल सितंबर में लिए गए थे।
INSACOG नेटवर्क के वैज्ञानिक सार्स-कोव-2 के वैरिएशन पर निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने बताया कि AY।4।2 से संबंधित निष्कर्षों में अभी भी उच्च स्तर की अनिश्चितता है और यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि इस वैरिएंट में संक्रमित/मृत्यु का रिस्क ज्यादा है। नए वैरिएंट की चिंताओं के बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अभी महामारी खत्म नहीं हुई है।
बता दें कि AY।4।2 नाम के इस सब-वेरिएंट को मूल डेल्टा वेरिएंट से 10-15% ज्यादा संक्रामक बताया जा गया है। हालांकि, अभी विशेषज्ञ यही कह रहे हैं कि इसके बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है। अगर ज्यादा मामले सामने आते हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) की ओर से इस सब-वेरिएंट को ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ की सूची में शामिल किया जा सकता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved