नई दिल्ली। देश भर में जहां एक तरफ कोरोना वायरस(Corona Virus) से संक्रमित मरीजों के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत (Oxygen cylinder shortage) की खबरे भी चल रही हैं. ऐसे में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कोरोना वायरस से लगातार संक्रमित हो रहे मरीजों की हालातों को देखते हुए SpO2 (Blood Oxygen Saturation) पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली (Supplemental oxygen delivery system) तैयार की है. बताया जा रहा है कि इसका उपयोग अत्यधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए किया जा सकता है. वहीं कोरोना मरीजों के लिए भी यह काफी मददगार साबित होगी.
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने अपने एक बयान में कहा कि यह स्वचालित प्रणाली, कोरोना के इस मुश्किल दौरा में वरदान साबित हो सकती है. डीआरडीओ, बेंगलुरु के डिफेंस बायो-इंजीनियरिंग एंड इलेक्ट्रो मेडिकल लेबोरेटरी (DEBEL) द्वारा विकसित, सिस्टम SpO2 एक लेवल सेट करते हुए व्यक्ति को हाइपोक्सिया की स्थिति में जाने से बचाता है, जो ज्यादातर मामलों में घातक है. बता दें कि हाइपोक्सिया एक ऐसी अवस्था है जिसमें टिश्यु तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा शरीर की सभी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है. यह ठीक वैसी स्थिति है जो वायरस के संक्रमण के कारण कोविड रोगी में भी देखने को मिल रही है. जिसके करण वर्तमान में संकट गहराता जा रहा है. कोरोना के कारण मौतों में बढ़ोतरी की वजह, ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी भी मानी जा रही है. देखा जाता है कि गंभीर मामलों में ऑक्सीजन. रोगियों के काफी जरुरी हो जाती है. ऐसे में किसी भी साधारण व्यक्ति द्वारा इस सिस्टम को इस्तेमाल कर पाने की आसानी, SpO2 की निगरानी के लिए डॉक्टरों और पैरामेडिकल के कार्यभार और जोखिम समय को भी बहुत कम कर देगी.