काहिरा : इजरायल (israel) ने सात महीने से ज्यादा समय से गाजा (gaza) में हमास (hamas) के खिलाफ सैन्य अभियान (military operation) चलाया हुआ है। बीते साल 7 अक्टूबर के आतंकी हमले (terrorist attacks) के बाद शुरू किए गए इस अभियान को लेकर इजरायल ने एक ही लक्ष्य रखा है- हमास का खात्मा। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (benjamin netanyahu) साफ कह चुके हैं कि हमास को खत्म करने के बाद ही ये युद्ध थमेगा। लेकिन इजरायल अकेला नहीं है जो हमास के पीछे पड़ा है। इजरायल का पड़ोसी मुस्लिम देश मिस्र तो लंबे समय से हमास को खतरे के रूप में देखता रहा है। मिस्र ने तो एक दशक से भी ज्यादा समय से हमास के खिलाफ बिना शोर अभियान चला रखा है।
5 साल में 2000 सुरंगें तबाह
मीडिया पोर्टल मिडिल ईस्ट आई की रिपोर्ट सीक्रेट दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि साल 2011 से 2015 के बीच मिस्र के सैन्य इंजीनियरों ने मिस्र की सीमा से लगे गाजा के राफा शहर में 2000 से अधिक सुरंगों को नष्ट कर दिया था। इसमें ये भी कहा गया है कि मिस्र से सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरंगों को नष्ट करने के िलए गाजा के साथ पूरी सीमा पर एक नहर खोदने के प्रस्ताव पर अध्ययन का आदेश दिया था।
मिस्र की सेना के अंदरूनी सूत्र से लीक किए गए इन दस्तावेजों में उत्तरी सिनाई प्रांत में हमास के खिलाफ आर्मी के व्यापक अभियानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी की सरकार राफा में अपनी गतिविधियों को हमेशा से गुप्त रखती आई है। राफा से लगी सीमा पर मिस्र नियंत्रण रखता है और 2013 से उसने इस क्षेत्र में मीडिया पर ब्लैकआउट लगा रखा है। मिस्र ने इस इलाके में इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े स्थानीय आतंकवादियों के खिलाफ बेहद ही कठोर अभियान चलाया हुआ है।
इजरायल ने मिस्र पर लगाया था आरोप
दस्तावेजों के अनुसार, जिन सुरंगों को नष्ट किया गया, उसे वाणिज्यिक या परिवहन सुरंगों के रूप में बताया गया है। ये खुलासा 7 मई को इजरायली अभियान के बाद गाजा में राफा क्रॉसिंग के बंद होने के बाद हुआ है। इजरायल ने इन सुरंगों को खत्म करने में मिस्र की विफलता पर सवाल उठाया था। इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हमास के हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों को मिस्र से सुरंगों के जरिए तस्करी करके गाजा में लाया गया था।
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