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    ये है विश्‍व की सबसे अनोखी गोभी, 2000 से 2200 रुपए किलो की दर से बिकती है

  • July 14, 2021


    ये है दुनिया की सबसे विचित्र दिखने वाली गोभी। अमेरिका जैसे कई अन्य देशों में यह 2000 से 2200 रुपए किलो की दर से बिकती है। इके विचित्र दिखने के पीछे की वजह हैं इसके पिरामिड जैसी आकृति वाले टूटे हुए फूल (Fractal Florets)। वैज्ञानिकों ने अब जाकर यह पता लगाया है कि आखिरकार यह गोभी का फूल ऐसा क्यों दिखता है। आइए जानते हैं इसकी वजह।

    इस गोभी के फूल को रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) कहते हैं। इसे रोमनेस्को ब्रोकोली भी बुलाया जाता है। बॉटनी यानी वनस्पति विज्ञान की भाषा में इसे यह ब्रैसिका ओलेरासिया (Brassica Oleracea) कहा जाता है। इस प्रजाति के तहत सामान्य गोभी के फूल, पत्ता गोभी, ब्रोकोली और केल (Kale) जैसी सब्जियां उगती हैं। रोमनेस्को कॉलीफ्लावर सेलेक्टिव ब्रीडिंग का बेहतरीन उदाहरण हैं।

    फ्रेंच नेशनल सेंटर फॉर साइंटिफिक रिसर्च के साइंटिस्ट फ्रांस्वा पार्सी और उनके साथियों ने अब यह पता लगा लिया है कि रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) के फूल इतने विचित्र क्यों होते हैं। इन लोगों ने अपने अध्ययन में पता लगया कि ये गोभी और रोमनेस्को कॉलीफ्लावर में बीच में जो दानेदार फूल जैसी आकृतियां दिखती हैं, वो वाकई में फूल बनना चाहती हैं। लेकिन फूल बन नहीं पाती। इस वजह से वो कलियों जैसे बड्स में रह जाती हैं। इस वजह से उनकी शक्ल ऐसी दिखती है।



    रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) के यही अविकसित फूल वापस से शूट्स बन जाते हैं, वो फिर से फूल बनने का प्रयास करते हैं, लेकिन असफल होते हैं। यह प्रक्रिया इतनी ज्यादा बार होती है कि एक बड के ऊपर दूसरा, उसके ऊपर तीसरा और फिर इसी तरह ये पिरामिड जैसी हालत बना लेते हैं। ये हरे पिरामिड जैसी आकृति बना लेते हैं।

    यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया के साइंटिस्ट एलेक्जेंडर बुक्श कहते हैं कि आखिरकार हमारे पास रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) और अन्य गोभियों के फूलों के बनने की असली कहानी तो है। ये पिरामिड जैसी आकृतियां कैसे बनती थीं, ये पता करना जरूरी था, ताकि ऐसी सब्जियों, फलों और फसलों को किसी तरह की बीमारी हो तो उसे सुधारा जा सके। लेकिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि ये आकृतियां बायोलॉजिकली कंट्रोल कैसे होती थीं।

    साइंस जर्नल के मुताबिक एलेक्जेंडर कहते हैं कि इन सवालों के जवाब अब भी खोजने हैं लेकिन हमें ये पता है कि ये आकृतियां कैसे बनती हैं। फ्रांस्वा पार्सी और उनके साथियों ने रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) के इन टूटे हुए फूलों (Fractal Florets) की स्टडी के लिए थ्रीडी कंप्यूटेशनल मॉडल विकसित किया। ताकि इस पौधे के विकसित होने की स्टडी कर सके।

    फ्रांस्वा पार्सी ने बताया कि रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) फूल की तरह अपनी पहचान बनाना चाहता है, लेकिन ये असफल होता है। सामान्य गोभी और रोमनेस्को में अंतर सिर्फ इतना ही है कि रोमनेस्को के हर फूल अलग-अलग दिखते हैं, जबकि गोभी के आपस में सटे और ज्यादा चिपके हुए होते हैं। रोमनेस्को कॉलीफ्लावर से ज्यादा फूल निकलते हैं, इसलिए वो गोभी से अलग दिखते हैं।

    रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) के फूल तिकोने और कोनिकल आकार के होते हैं। जैसे की कोई पिरामिड। जबकि बाकी गोभियों और ब्रोकोली के गोल और समतल या गोल फूल होते हैं। रोमनेस्को कॉलीफ्लावर बहुत खास होता है। इस तरह का कोई और पौधा नहीं दिखता। यह एकदम विचित्र है।

    रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) को खाया जाता है। इसका सबसे पहला उपयोग 16वीं सदी में इटली के कुछ प्राचीन दस्तावेजों में मिलता है। यह आमतौर पर हरे रंग का होता है। इसका स्वाद लगभग मूंगफली जैसा होता है। पकने के बाद यह और स्वादिष्ट लगता है। इसका उपयोग सब्जियों और सलाद में किया जाता है।

    रोमनेस्को कॉलीफ्लावर (Romanesco Cauliflower) में भरपूर मात्रा में विटामिन C, विटामिन K, डायटरी फाइबर्स और कैरोटिनॉयड्स होते हैं। ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में इसकी खेती भी की जाती है। इसकी खेती से किसानों को काफी फायदा होता है।

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