इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक बार फिर वहीं किया, जो वो इतने वर्षों से करता आ रहा है और पहलगाम आतंकी हमले में हाथ होने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं पाकिस्तान की सरकार ने बेशर्मी के साथ दावा किया है कि भारत में कई जगहों पर बगावत है और पहलगाम का हमला भी उसी बगावत का नतीजा है।
दरअसल पाकिस्तान के एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि ‘पाकिस्तान का पहलगाम आतंकी हमले से कोई ताल्लुक नहीं है। ये घरेलू बगावत का नतीजा है। भारत में नगालैंड से लेकर कश्मीर और मणिपुर आदि जगहों पर दिल्ली की हुकूमत के खिलाफ बगावत हुई है।’ पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने यहां भी अल्पसंख्यकों के शोषण के बेतुके आरोप लगाए और सीमापार आतंकवाद को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया, जबकि पूरी दुनिया में ये साबित हो चुका है कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद का सबसे बड़ा गढ़ है।
पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर ए तैयबा से जुड़े संगठन टीआरएफ ने ली है। हैरानी की बात ये है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ बेशर्मी के साथ पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन लश्कर ए तैयबा का प्रमुख जकी उर रहमान लखवी पाकिस्तान की जेल में बंद है। उसे 2008 के मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि इतने वर्षों से जेल में बंद होने के बावजूद जकी उर रहमान लखवी के खिलाफ मुकदमा शुरू नहीं हो सका है। इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान का आतंकवाद के प्रति कैसा रवैया है।
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